बिहाइंड द कर्टन/उमा को पसंद नहीं आ रही मुरली की नसीहत

  • प्रणव बजाज
 उमा भारती

उमा को पसंद नहीं आया आ रही मुरली की नसीहत
पू र्व मुख्यमंत्री और भाजपा की बड़ी नेताओं में शुमार रहीं उमा भारती को राग मुरली पसंद नहीं आ रहा है। यही वजह है कि अब वे यह जानना चाहती हैं कि प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों, सासंदो और अन्य जनप्रतिनिधियों को लेकर उनके द्वारा दिए गए बयान के दायरे में आने वाले लोग कौन -कौन हैं। यही नहीं उनके द्वारा अपने खास बुंदेली अंदाज में कहा है कि मुरलीधर से पूछना चाहिए की इस मामले में किस -किस को लपेट रहे हैं। फिलहाल राग मुरली पार्टी के बड़े व दिग्गज नेताओं को पसंद आए या नहीं, लेकिन इससे कार्यकर्ता खुश हैं कि शायद राव के रुख के बाद कुछ हालात बदलें और उन्हें आगे आने का मौका मिले। इसकी वजह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में कुछ चेहरे तो ऐसे हैं जों भले ही प्रभावशाली न हों, लेकिन कुछ खास लोगों की पंसद के चलते वे हमेशा सत्ता सुख को भोगते रहते हैं।

उषा का जारी है ठकुराई अंदाज
प्रदेश सरकार में मंत्री उषा ठाकुर का अपना पुराना अंदाज कायम है। वे बोलती हैं तो बड़ा स्पष्ट। वे प्रदेश सरकार की ऐसी मंत्री हैं , जिन्हें हिदुंत्व का पैरोकार माना जाता है। संघ पृष्ठभूमि से होने की वजह से वे अपने बयानों को बेबाकी से रखने में पीछे नहीं रहती हैं। उनके द्वारा इसी तरह का बयान फिर सामने आया है। यह बयान उनके द्वारा चौरल डैम पर किसानों की समस्याओं को जानने के दौरान दिया गया। यहां पर उनके द्वारा वैसे तो किसानों की बात की जानी थी, लेकिन यहां किसानों की समस्याओं पर बात कम हुई और हिंदुत्व पर अधिक । इस किसान संवाद कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा- जहां-जहां हिंदू कम हुआ, वहां मुसीबतें बढ़ी है। इसलिए सजग रहना। ये धर्मांतरण करवाना अंतरराष्ट्रीय साजिश है कि हिंदुत्व को कैसे कमजोर करें। इन देशद्रोहियों से बचकर रहना और राष्ट्र के खातिर के जागरूक बनकर मोदीजी के पीछे खड़े हो जाना। वैसे भी उन्हें हिंदुत्व को लेकर ठकुराई के अंदाज में बयान देने वाला माना जाता है।

मनमर्जी से कर दिए गए एएसआई पदस्थ
पुलिस के आला अफसर जो करें सो कम है। इसका उदाहरण है विभाग में उच्च पद का प्रभार देकर उनकी पदस्थापना का। अब अफसरों की इसी कार्यशैली पर पुलिस मुख्यालय ने न केवल सवाल उठाए हैं, बल्कि फिर से उनकी पदस्थापना करने को कहा है। दरअसल हवलदार से एएसआई बनाए गए गैर राजपत्रित अफसरों की पदस्थापना में स्वीकृत पदों की जमकर अनदेखी की गई है, जिसकी वजह से कई जिलों में उनकी कमी हो गई हैं तो कई में उनकी संख्या अधिक। यही नहीं इस दौरान कई को तो उनके ही गृह जिलों तक में पदस्थ कर दिया गया है। यह जानकारी सामने आने के बाद अब पीएचक्यू को इस संबंध में सभी रेंजों के आईजी और एडीजी को पत्र लिखना पड़ा है। इसमें उन्हें जिलों में एएसआई के स्वीकृत पदों के मुताबिक उन्हें समायोजित करने तक को कहना पड़ा है।

दोषी अफसरों पर बनी हुई हैमंत्री जी की कृपा
आबकारी विभाग प्रदेश का ऐसा विभाग है, जिसके अफसरों पर कार्रवाई करने की हिम्मत शासन व प्रशासन तक नहीं करता है। यही वजह है कि इस विभाग में चलने वाले ढर्रा में कोई सुधार ही नहीं हो पा रहा है। अगर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत करता है तो सभी उसके पीछे लग जाते हैं। दरअसल विभाग के अफसर खुद के अलावा सभी को उसके रसूख के आधार पर लक्ष्मी दर्शन का लाभ दिलाते रहते हैं। अब विभाग की प्रशासनिक कमान बेहद ईमानदार और तेज तर्रार आईएएस अफसर दीपाली रस्तोगी के हाथों में हैं, सो प्रशासनिक स्तर पर कई वे अफसर निशाने पर आ गए हैं जो कई गंभीर मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। इन अफसरों पर कार्रवाई की फाइल मंत्री जी के पास पहुंची तो वे उस पर अनुमोदन ही नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से दोषी अफसरों का बाल भी बांका नहीं हो पा रहा है। वैसे भी वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी की पटरी नहीं बैठ रही है। जिन पर कार्रवाई की जानी है उनमें सहायक आयुक्त आबकारी इंदौर, जिला आबकारी अधिकारी सागर और सहायक आबकारी अधिकारी सागर के नाम शामिल हैं।

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