बा खबर असरदार/महिला से उम्र, आदमी से वेतन के बारे में नहीं पूछते

  • हरीश फतेह चंदानी
आईएएस

महिला से उम्र, आदमी से वेतन के बारे में नहीं पूछते
2013 बैच के एक आईएएस अधिकारी इन दिनों प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक वीथिका में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। साहब इन दिनों प्रदेश के सबसे छोटे जिले के कलेक्टर हैं। वे जब से कलेक्टर बने हैं अपनी वर्किंग स्टाइल की वजह से लगातार चर्चाओं में बने हैं। हाल ही में कलेक्टर ने एक शिविर में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को एक दिन का कलेक्टर बना दिया। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय विधायक जिला कलेक्टर से मुखातिब हुए और पूछा- कलेक्टर साहब की सैलरी एक लाख रुपए तो होगी ही? तो कलेक्टर ने कहा कि ज्यादा ही है। तब विधायक ने दोबारा पूछा, कितनी? फिर कलेक्टर ने यह कहते हुए बताने से इनकार कर दिया कि महिला से उम्र, आदमी से तन्ख्वाह नहीं पूछते। कलेक्टर का जवाब सुन विधायक आगे कहते हैं, चलो, मान लेते हैं कि 1.80 लाख रुपए होगी, तो एक दिन का 6 हजार रुपए पड़ता होगा। ऐसे में छात्रा एक दिन की कलेक्टर बनी है तो उस एक दिन का पैसा यानी 6 हजार रुपए मैं देता हूं। यह सुन शिविर में मौजूद लोग जमकर ठहाका लगाने से खुद को रोक नहीं सके।

फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
लंदन में पढ़ी लिखी 2011 बैच की आईएएस अधिकारी हर्षिका सिंह इन दिनों प्रदेश के एक आदिवासी जिले मंडला की कलेक्टर हैं। मैडम अभी तक जिस जिले में कलेक्टर रही हैं, उनके नवाचारों से वहां के लोग यह कहते सुने जा सकते हैं कि इन्होंने भले  ही पढ़ाई विदेश में की है, लेकिन इनका दिल फिर भी हिंदुस्तानी है। उनकी यह छवि पिछली जनसुनवाई में देखने को मिली। जिला योजना भवन में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर ने अलग-अलग अनुविभागों से आए आवेदकों की समस्याएं सुनी। जनसुनवाई में 74 आवेदकों ने अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए। इनमें दो दिव्यांगों के भी आवेदन थे। आवेदन पढ़ते ही मैडम ने परीक्षण उपरांत मौके पर ही एक को ट्राई साईकिल एवं दूसरे को श्रवण यंत्र प्रदान किया। दोनों ही कृत्रिम उपकरण सामाजिक न्याय विभाग की योजनाओं के तहत प्रदान किए गए। समस्या के त्वरित निराकरण के लिए दोनों ही आवेदकों ने जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

बैठक नहीं करने का बनाया रेकॉर्ड
मप्र देश का ऐसा राज्य है जहां अजब-गजब रिकॉर्ड बन ही जाते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड प्रदेश के एक आदिवासी जिले में अनजाने में ही बन गया है। दरअसल, शहर सरकार की नई परिषद गठित होने के पांच माह बाद भी साधारण सभा नहीं हो सकी है।  इससे पहले की परिषदों ने गठन होने के अधिकतम दो माह में ही पहली बैठक पूरी कर ली थी। लेकिन मौजूदा परिषद ने पहली साधारण सभा की बैठक महीनों तक नहीं बुलाने का नया रेकॉर्ड बना दिया है। बैठक नहीं होने से विकास पर नीतिगत चर्चा नहीं हो पा रही है। आयुक्त, महापौर और एमआइसी के अनुमोदन पर चुने हुए प्रतिनिधि भी सवाल नहीं उठा पा रहे हैं। उधर महापौर का कहना है कि शहर विकास के सभी कार्य चल रहे हैं। पांच करोड़ तक के काम के  एमआईसी को पॉवर हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष का कहना है की एमआईसी 50 हजार की पुलिया तो पास नहीं कर पा रही है, पांच करोड़ की बात दूर है। छोटे-छोटे कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

वाटरकूलर का पानी पिएंगे छात्र
प्रदेश के एक आदिवासी जिले श्योपुर के छात्र अब वाटरकूलर का पानी पिएंगे। इसकी पहल जिले के कलेक्टर शिवम वर्मा ने की है। दरअसल, 2013 बैच के उक्त आईएएस अधिकारी शर्मा जब से जिले के कलेक्टर बने हैं उनका सबसे अधिक ध्यान शिक्षा और छात्रों के उत्थान पर है। गत दिनों जब साहब ने  जिले के एक हायर सेकंडरी स्कूल और अनुसूचित जनजाति विभाग के छात्रावास का निरीक्षण किया तो बच्चों ने उन्हें कई समस्याओं से अवगत कराया।  साहब ने तत्काल छात्रावास अधीक्षक को निर्देश दिए कि छात्रों की सुविधा के लिए वाटरकूलर, अलमारी, गीजर आदि जरूरी सामान मंगवाने के लिए सहायक आयुक्त के पास डिमांड भेजी जाए ताकि समय पर स्वीकृति के साथ सामान आ सके। साहब ने ऐसी ही व्यवस्था जिले के सभी स्कूलों और छात्रावासों में करने का निर्देश दिए हैं। साहब के इस निर्देश के बाद जिले के स्कूली छात्रों में हर्ष है। उनका कहना है कि हमें उम्मीद नहीं थी कि हमारी समस्या का इतना जल्दी निराकरण हो पाएगा।

मैडम से नाराज महकमा
हमेशा विवादों और चर्चाओं में रहने वाली दबंग छवि की 2013 बैच की आईएएस अधिकारी इनदिनों अपने मातहतों के निशाने पर आ गई है। गौरतलब है कि मैडम वर्तमान में विंध्य क्षेत्र के एक जिले की कलेक्टर हैं। मैडम पर पहले से ही एक अधिकारी को बचाने के लिए एसपी की बलि (हटवाने) लेने का आरोप है। जिले से एसपी साहब की विदाई से पुलिस महकमे के लोग तो उनसे नाराज हैं ही, अब अन्य विभागों के अधिकारी भी नाराज हो गए हैं। दरअसल मैडम ने सीएम हेल्पलाइन के नॉन अटेंडिंग शिकायतों पर 16 अधिकारियों को 8 हजार 4 सौ का जुर्माना लगाया हैं। संबंधितों को अनिवार्य रूप से राशि को जिला रेडक्रास सोसायटी के खाता में जमा कराते हुए जमा राशि की पावती कलेक्ट्रेट स्थित लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जाता है कि इसके बाद भी जिले में सीएम हेल्पलाइन हेल्प लेस दिखाई दे रही हैं। बताया जाता है इसके पीछे मैडम से अधिकारियों की नाराजगी बड़ी वजह है।

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