हर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार

कांग्रेस जिलाध्यक्ष

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में जहां भाजपा पूरी तरह से अभी से चुनावी मोड में आ चुकी है, वहीं कांग्रेस निमाड़ इलाके के दो बेहद महत्वपूर्ण जिले खंडवा और बुरहानपुर में अपने जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों में ही उलझी हुई है। इसकी वजह से इन दो जिलों में कांग्रेस के शहरी व ग्रामीण इलाकों में कोई पदाधिकारी ही नहीं है।
तमाम कवायद के बीच अब जाकर पार्टी इन जिलाध्यक्षों के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर सकी है। यह पैनल भी तब तैयार किए जा सके हैं, जब केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को दो बार खंडवा और बुरहानपुर में रायशुमारी करने जाना पड़ा है। इनमें केंद्रीय पर्यवेक्षक कुलदीप इंदौरा और सीपी मित्तल ने दोनों जिलों में जाकर कांग्रेसियों से सीधे बात की है। इसके बाद इन नामों का पैनल तैयार  किया गया है। इस बीच खंडवा से बीजेपी सांसद नंद कुमार सिंह चौहान की मृत्यु होने से हुए खंडवा लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को मिली हार का ठीकरा फोड़ते हुए कमलनाथ ने 10 दिसंबर को खंडवा और बुरहानपुर जिला इकाइयों को भंग करते हुए शहरी और ग्रामीण जिला अध्यक्षों को हटा दिया था। दरअसल इन दोनों जिलों में पार्टी के पदाधिकारी कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव के करीबी माने जाते थे। उस समय मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसके पीछे तर्क यह  दिया था कि लंबे समय तक एक ही चेहरे के पास जिले की कमान संगठन के लिए ठीक नहीं। पार्टी को मजबूत करने के लिए बदलाव जरूरी है। यादव को पार्टी में कमलनाथ का विरोधी माना जाता है। दोनों के बीच जारी शीत युद्ध का यह हाल है कि अरुण यादव के गृह जिले खंडवा-बुरहानपुर में अब तक नये जिलाध्यक्ष पार्टी द्वारा नियुक्त नहीं हो पा रहे हैं।
पैनल में यह नाम शामिल
पार्टी सूत्रों की मानें तो दोनों जिलों के लिए पैनल तैयार कर लिया गया है। इसमें खंडवा शहर अध्यक्ष के लिए विदित शर्मा पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, युवक कांग्रेस महामंत्री विदित शर्मा, पूर्व पार्षद और जिला पदाधिकारी शांतनु दीक्षित,पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, पूर्व महामंत्री खंडवा ग्रामीण अध्यक्ष हर्ष पाठक  का नाम है, जबकि खंडवा ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए अवधेश सिसोदिया पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव, पूर्व चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मुनीष मिश्रा और पूर्व तिवारी कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा का नाम है। इसी तरह से बुरहानपुर शहर अध्यक्ष पद के लिए पूर्व विधायक हमीद काजी के बेटे नूर काजी , पूर्व पार्षद और बीडी उद्योगपति औलिया खान एवं पूर्व पार्षद एवं जिला पदाधिकारी रिंकू टाक काना है। इसी तरह से बुरहानपुर ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए बनाए गए पैनल में पूर्व साडा मेंबर, नेपानगर अध्यक्ष सोहन सैनी , पूर्व मंडी डायरेक्टर कैलाश पाटिल और पूर्व महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजेता ठाकुर के नाम बताए जा रहे हैं।
यादव ने की दिल्ली दौड़
दोनों जिलों में अपने समर्थकों को अध्यक्ष बनाने के लिए अरुण यादव दिल्ली में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक तक से मुलाकात कर चुके हैं , लेकिन उनके सुझाए नामों को लेकर पार्टी कोई फैसला नहीं कर पा रही है। पूरा मामला दिल्ली तक पहुंचने के बाद कांग्रेस के सचिव और सह प्रभारी सीपी मित्तल खंडवा और बुरहानपुर का दौरा कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीपी मित्तल पार्टी हाईकमान को दोनों जिलों में मची खींचतान पर अपनी रिपोर्ट दे चुके है। इसके अलावा उनके द्वारा जिलों में जो एक्टिव चेहरे हैं उनके नाम भी जिला अध्यक्ष पद के लिए दिए गए हैं।
यादव का है प्रभाव: खंडवा और बुरहानपुर में कांग्रेस पार्टी अरुण यादव का पर्याय रही है, उनके समर्थक ही जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लॉक अध्यक्ष तक अब तक बनते रहे हैं। माना जा रहा है कि अब इस मामले में दिग्विजय सिंह सामंजस्य बिठाने के साथ जिलाध्यक्षों के नाम तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नियुक्तियों के लिए एआईसीसी को नामों का पैनल मैदानी रिपोर्ट के साथ भेजी जा चुकी है।

Related Articles