
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश की शिव सरकार अब डेवलपर्स को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। इसकी वजह से उन्हें रिडेंसीफिकेशन में मिलने वाले भूखंड की पूरी तरह से स्वतंत्रता मिल जाएगी। इससे डेवलपर्स अपनी मर्जी के हिसाब से उसका उपयोग कर सकेगा।
इस स्वतंत्रता की वजह से डेवलपर्स अपने हिसाब से भूखंड या फिर उस पर मकान बनाकर बेंच सकेंगे। अभी के नियमों के अनुसार डेवलपर्स को मकान और मल्टी स्टोरी बनानी होती है। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा पुर्नघनत्वीकरण नीति में संशोधन करने की कवायद की जा रही है। संभावना है कि इसको लेकर तैयार किए जाने वाले प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव को लागू किया जा सकेगा। दरअसल आवास, मल्टी स्टोरी बनाने के बाद उनके बिकने में आने वाली परेशानियों को देखते हुए सरकार ने नियमों में संशोधन करने की तैयारी की है। इसके तहत डेवलपर्स को भूखंड लीज या भूमि स्वामी के आधार दी जाएगी।
आम तौर पर यह होता है कि शहरों में पुर्नघनत्वीकरण में डेवलपर मकान और मल्टी बेच नहीं पाते थे। इससे वे इस तरह के प्रोजेक्ट को लेने में रुचि नहीं लेते हैं। इसका उदाहरण है नगर निगम में जितने प्रोजेक्ट पुर्नघनत्वीकरण के तहत बनाए गए हैं, उनके मकान बेचने में बिल्डरों और नगर निगमों को पसीना आ रहा है। इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहरों में बनाए गए आवास पिछले कई सालों से तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं बिक पा रहे हैं। इसके सबसे बड़े उदाहरण गेमन इंडिया और स्मार्ट सिटी हैं।
दूसरे प्रदेशों की जमीन भी रहेगी शामिल
खास बात यह है कि राज्य के बाहर सरकार की मौजूदा जमीनों को भी इस बार पुर्नघनत्वीकरण के तहत दायरे में लाया जा रहा है। इन पर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं लॉन्च की जाएंगी। अभी तक इन भूखंडों के संबंध में सरकार के पास कोई नीति ही नहीं थी। निर्माण कार्यों के बदले में डेवलपर को जमीन दी जाएगी। भूखंड पर वे अपने अनुसार योजनाएं शुरू कर सकेंगे। योजना के तहत शासकीय निर्माण करने के बदले में यदि सरकार के पास वहां पर्याप्त जमीन नहीं है तो वह कहीं भी डेवलपर को जमीन दे सकेगी। यह भूखंड शहर के अंदर भी हो सकेगा और तहसील अथवा अन्य क्षेत्रों में हो सकेगा।