
-शिक्षक क्रमोन्नति, निगम मंडलों के कर्मचारी सातवें वेतनमान तो वनकर्मी पेंशन को लेकर आंदोलनरत
भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दिन पर दिन कर्मचारी राजनीति गरमाने लगी है। सरकारी घोषणाओं के बाद विभिन्न कर्मचारी संगठन गेट मीटिंग, विरोध प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान चला कर मोर्चा खोल रहे हैं। शिक्षक क्रमोन्नति, निगम मंडलों के कर्मचारी सातवें वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति तो वनकर्मी न्यू पेंशन योजना 2005 के विरोध में तथा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। इससे सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है।
आजाद अध्यापक संघ व आजाद शिक्षा परिषद ने क्रमोन्नति को लेकर मोर्चा खोल रखा है। चार साल पहले शुरू की गई क्रमोन्नति बहाली की प्रक्रिया अब तक शिक्षकों को नहीं मिली है। संगठन ने अब आंदोलन की चेतावनी दी है। संघ की अध्यक्ष शिल्पी शिवान व परिषद के अध्यक्ष जावेद खान का कहना है कि प्रदेश में क्रमोन्नति, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता और वेतन विसंगति में सुधार के लिए पूर्व में कई बार कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रदर्शन किए जा चुके है। जावेद खान का कहना है कि विभागीय मंत्री परमार विधानसभा में भी जवाब दे चुके है कि क्रमोन्नति की प्रक्रिया प्रचलन में है। लेकिन 2018 में होने वाली क्रमोन्नति की प्रक्रिया को चार साल पूरे होने के बाद भी अब तक बहाल नहीं किया गया है। सरकारी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य, भृत्य, क्लर्क, स्थायी खेल प्रशिक्षक व शिक्षक नहीं है। ऐसे में विभाग के दिन प्रतिदिन निकलने वाले तुगलकी आदेशों से शिक्षक परेशान है। संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करते हुए क्रमोन्नति को बहाल किए जाने की मांग की है।
निगम-मंडल के कर्मचारी लामबंद
निगम मंडलों के कर्मचारियों ने सातवें वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की है। निगम मंडल कर्मचारी संघ के पदाधिकारी अनिल बाजपेयी व अरुण वर्मा ने कहा कि सभी निगम मंडलों में सातवां वेतनमान लागू किया जाए। सभी निगम मंडलों व सहकारी संस्थाओं में सेवानिवृत्त आयु में वृद्धि कर सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष की जाए। निगम मंडलों व सहकारी संस्थाओं में कोरोना के दौरान सैकड़ों की तादाद में मृतक कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण लंबित है। मृतक कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को अनिवार्य रूप से अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। ऐसे शासकीय सेवक जिन्हें निगम मंडलों व सहकारी संस्थाओं में विलय करते समय सशर्त पेंशन का लाभ देने का वादा किया गया था, ऐसे कर्मचारियों को राज्य शासन के समान पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। राज्य शासन द्वारा जो भी आदेश प्रसारित किए जाते हैं उसका पृष्ठांकन निगम मंडलों व सहकारी संस्थाओं को भी किया जाए। निगम मंडलों व सहकारी संस्थान के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हायर पेंशन दी जाए। बाजपेयी ने कहा कि जब तक मांगों का निराकरण नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।
पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग तेज
उधर मप्र कर्मचारी मंच के आह्वान पर 29 नवंबर से न्यू पेंशन योजना 2005 के विरोध में तथा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान आंदोलन में 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा हस्ताक्षर किए। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश सरकार ने न्यू पेंशन योजना 2005 लागू करके 8 लाख कर्मचारियों का भविष्य निजी हाथों में सौंप दिया है। जिस कारण 8 लाख कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में हो गया है।