अवैध खनन के लिए रेत ठेका कंपनी ने ग्रामीणों को बांटी राशि

अवैध खनन
  • रेत माफिया के सामने प्रशासन नतमस्तक …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार की सख्ती के बाद भी नर्मदा नदी में रेत का अवैध खनन जोरों पर है। रेत माफिया और कंपनियों के सामने प्रशासन नतमस्तक है। वहीं अवैध खनन में किसी प्रकार की बाधा न खड़ी हो इसके लिए माफिया और रेत ठेका कंपनियां ग्रामीणों और मजदूरों को राशि देकर उन्हें चुप करा रही है।
    प्रदेश में माफिया नदियों का धार रोककर रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। सिवनी मालवा में नर्मदा किनारे ग्राम जांजना मागांव से सीमेंटेड पाइपों को बिछाकर नर्मदा नदी की धार रोक बीच नदी में अवैध पुल मार्ग बनाया गया है। इस पुल मार्ग से रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। हालांकि ग्रामीणों न इसका विरोध किया है। लेकिन उसके बाद भी खनिज अधिकारियों ने अब तक पुल नहीं तुड़वाया है।
    हर घर को 3 हजार का प्रलोभन
    सूत्रों का कहना है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का अवैध उत्खनन का काम फिलहाल बंद है। ऐसे में रेत ठेका कंपनी के कर्मचारी व नर्मदा नदी में पुल बनाने वाले लोग जांजना गांव पहुंचे। गांव के मजदूरों व ग्रामीणों को मजदूरी के नाम की राशि बांटी गई। यह राशि रेत माफिया द्वारा नर्मदा नदी में मशीनों से उत्खनन के बदले हर घर को दी गई है। यह राशि 3 हजार रुपए है। कागज पर ग्रामीणों से हस्ताक्षर और अंगूठा भी लगवाया। रेत माफिया ने ग्रामीणों को प्रलोभन दिया, रेत उत्खनन का कार्य चलने दो। प्रत्येक डम्पर के 500  रुपए के हिसाब से मजदूरी का पैसा इकट्ठा कर सभी में बांटा जाएगा। मशीनों से अवैध उत्खनन करने व पुल निर्माण करने यह पैंतरा अपनाया है, ताकि उनके अवैध कार्य पुल निर्माण का कोई विरोध न कर सके और काम जारी रखा जा सके।
    नर्मदा में कई स्थानों पर बने अवैध पुल
    एक तरफ प्रशासन अवैध खनन के खिलाफ अभियान चलाने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ नर्मदा नदी में कई स्थानों पर अवैध पुल का निर्माण कर रेत निकाली जा रही है। सीहोर और होशंगाबाद में कई अवैध पुल नजर आ रहे हैं। जाजना घाट के बाद रेहटी के पास नेहलाई घाट पर एक और ऐसा ही पुल दिख रहा है जो अवैध खनन के लिए नर्मदा की बीच धार में पाइप डालकर बनाया गया है। इसके बाद भी प्रशासन कार्रवाई की जगह लीपापोती में लगा है।

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