- प्रणव बजाज

कांग्रेस भी मप्र में पायलट के रूप में लगा सकती है ओबीसी दांव
मप्र में इन दिनों चुनावी जातीय गणित का खेल जोरों पर है। इस मामले में अपने प्रमुख प्रतिद्वंदी दल भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस भी ओबीसी चेहरे के रुप में सचिन पायलट को मप्र का प्रभारी महासचिव बनाने का दांव खेल सकती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब महज दो साल से भी कम का समय बचा है। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरअसल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे तो हैं ही साथ ही उनका गुर्जर समाज पर भी बड़ा प्रभाव है। मप्र में गुर्जर समाज बड़ी संख्या में है और उनका समाज से संपर्क भी है। गुर्जर मतदाताओं का प्रभाव ग्वालियर -चंबल अंचल में सर्वाधिक है। फिलहाल प्रदेश के प्रभारी की कमान मुकुल वासनिक के पास है। उनका उपयोग पार्टी मप्र में श्रीमंत के विकल्प में रूप में भी करना चाहती है। पायलट को श्रीमंत के समकक्ष का ही नेता माना जाता है।
वीडी ने की खजुराहो में फ्लाइट कनेक्टिविटी की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने अपने लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले विश्व प्रसिद्ध खजुराहो में फ्लाइट कनेक्टिविटी शुरू करने की मांग की है। उनके द्वारा यह मांग संसद में शून्यकाल के दौरान की गई। उन्होंने लोकसभा में यह मांग करते हुए कहा कि खजुराहो संसदीय क्षेत्र वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 आईकॉनिक सिटी में खजुराहो का चयन किया है। खजुराहो में बडेÞ पैमाने पर विश्व स्तर के और देश के पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। फ्लाइट कनेक्टिविटी शुरू नहीं होने के कारण यहां पर टूरिज्म प्रभावित हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि खजुराहो को फ्लाइट कनेक्टिविटी मिलेगी तो विश्व स्तर का टूरिज्म और डॉमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
अब संपत्ति का नुकसान किया तो की जाएगी वसूली
मध्य प्रदेश की शिव सरकार भी अब उप्र की योगी सरकार की तरह प्रदेश में जल्द ही लोक शांति भंग विधेयक लागू करने की तैयारी में है। बतौर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक इस पर अगली कैबिनेट की बैठक में निर्णय ले लिया जाएगा। उनका कहना है कि शांति भंग करने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए कानून लेकर आ रहे हैं। अब शांति भंग करने वालों की खैर नहीं है। असामाजिक तत्व सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते है, उन पर कार्यवाही की जाएगी। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों से ही नुकसान की गई संपत्ति की राशि वसूलने की सख्ती की जाएगी। इस कानून, में कई शक्तियां दी जाएगी। आपराधिक व्यक्तियों पर कार्यवाही की जाएगी। जिससे वे दोबारा ऐसा न कर सकें। दरअसल अब तक प्रदेश में ऐसा कोई कानून न होने की वजह से नुकसान करने वालों से वसूली नहीं हो पाती है।
बिरला की सदस्यता समाप्ती वाले नोटिस का परीक्षण शुरू
दलबदल करने वाले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला की सदस्यता को लेकर विधानसभा सचिवालय ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कांग्रेस द्वारा दिए गए सदस्यता समाप्ती के नोटिस का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। यह नोटिस कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने दिया था। इसका परीक्षण करने के बाद सचिवालय द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को सौंपा जाएगा। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में सचिवालय द्वारा बिरला को नोटिस देकर उनका पक्ष लिया जाएगा। दरअसल बिरला खंडवा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए वे अभी बड़वाह विधानसभा से विधायक हैं। वे बीता चुनाव लगभग 30 हजार मतों से जीते थे। उनकी गुर्जर समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है। उनका कहना था कि वे पार्टी में की जा रही उपेक्षा की वजह से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए है।