
बीते कुछ सालों में छापे के दौरान जांच में मिले हैं इनके बेनामी निवेश के तार
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। इसकी वजह है ईडी द्वारा बीते कुछ सालों में विभिन्न जांच ऐजेंसियों द्वारा मारे गए छापों की जांच के बाद मिले बेनामी निवेश व संपत्ति के मामलों में ईडी द्वारा जांच रिपोर्ट तलब किया जाना है।
बताया जा रहा है कि इन छापों में प्रदेश के चार आईएएस, तीन आईपीएस, दो बड़े बिल्डरों के अलावा कई राजनेताओं द्वारा बेनामी निवेश एंव आय से अधिक संपत्ति के तार जुड़े मिले हैं। इसकी वजह से यह सभी ईडी के निशाने पर आ गए हैं। इनसे संबंधित रिपोर्ट मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) भी अपने स्तर पर छानबीन तेज करने की तैयारी में है। इसकी वजह से बड़े कारोबारी, शासकीय अधिकारी और राजनीतिक क्षेत्र के लोगों में के यहां छापे के समय मिली करोड़ों की बेहिसाबी संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) पूरी छानबीन करने का मन बना चुका है। आयकर विभाग, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू ने पिछले दिनों अपनी छापामारी के दौरान ऐसे कई मामलों का खुलासा किया है जिनमें हवाला, बेनामी संपत्ति, मनी लांड्रिंग, अरबों रुपए की बेहिसाबी संपत्ति और फर्जी कंपनियों में निवेश मिले हैं। अब इस तरह के हाई प्रोफाइल मामलों में ईडी तेजी से जांच करने में लग गया है। इसकी वजह है कि कुछ मामलों में नोटिस और संबंधित एजेंसियों से जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं। प्रदेश में आयकर, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक यह तो खुलासा हो ही चुका है कि काली कमाई को नंबर एक में करने के लिए फर्जी शेल कंपनियों में करोड़ों रुपए घुमाए गए। कई इसी तरह की ऐसी पेपर कंपनियों में निवेश भी दिखाया गया। कई के द्वारा हवाला के जरिए करोड़ों रुपए यहां से वहां किए गए। अब इस जांच के दायरे में कारोबारियों के अलावा सियासी क्षेत्र से लेकर ब्यूरोक्रेट्स से जुड़े मामले भी हैं। खास बात यह है कि ईडी के मौजूदा डायरेक्टर एसके मिश्रा के कार्यकाल में वृद्धि होने के बाद मप्र से जुड़े कई मामलों में कार्रवाई में तेज हो गई है। इनमें से कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनकी जांच दूसरी एजेंसियां पहले से ही कर चुकी हैं, जिसकी वजह से उनसे आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य मांगे गए हैं। इसके साथ ही संबंधित लोगों को नोटिस-समन आदि भी भेजे गए हैं।
कांग्रेस विधायक के यहां मिल चुकी 450 करोड़ की संपत्ति: आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग ने इसी साल कांग्रेस विधायक निलय डागा के विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर करीब 450 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया था। इसमें 259 करोड़ रुपए अलग-अलग कंपनियों में निवेश के रूप में दर्शाए गए थे। छापे में 8 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए थे।
खरे का मामला निशाने पर
प्रदेश के कई ऐसे मामले हैं जिनमें ईडी द्वारा छानबीन की जा रही है। इसी तरह का एक मामला आबकारी विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त आलोक खरे का है। उनके यहां इंदौर, भोपाल, रायसेन, छतरपुर और ग्वालियर स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा बेहद सुर्खियों में रहा था। उनके यहां से 150 करोड़ की बेहिसाबी संपत्ति का खुलासा हुआ था। 20 साल की सेवा में उन्हें करीब 90 लाख रुपए वेतन-भत्ते के रूप में मिले थे। लेकिन उनके पास कई गुना बेशकीमती चल-अचल संपत्ति पाई गई।
हवाला के उपयोग का भी हुआ खुलासा
दो साल पहले अप्रैल 2019 में भोपाल-दिल्ली सहित कई ठिकानों पर आयकर विभाग की बहुचर्चित छापामारी में बेहिसाबी संपत्ति, करोड़ों रुपए का हवाला होना पाया गया था। इसके बाद से जांच के दायरे में कारोबारी, राजनीति से जुड़ी हाईप्रोफाइल शख्सियतें और ब्यूरोक्रेट्स भी बने हुए हैं। उधर, भोपाल के बिल्डरों पर हुई छापामारी का मामला भी इसमें है। इसी तरह प्रदेश के पूर्व आईएएस दंपति के यहां मिले साक्ष्यों को लेकर भी ईडी की छानबीन तेजी से की जा रही है।