- प्रणव बजाज

अब राजमणि पटेल का विवादास्पद बयान
कांग्रेस नेता अपने कामों की वजह से कम बल्कि विवादास्पद बयानों की वजह से अधिक चर्चित रहते हैं। उसके एक राज्यसभा सदस्य हैं राजमणि पटेल जो वैसे तो सक्रिय नजर नहीं आते हैं और चर्चा में भी नहीं रहते हैं। अचानक उनके एक बयान ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। उनका यह बयान ऐसे समय भी आया है, जब मप्र में भी नाम बदलने का दौर चल रहा है। पटेल का कहना है कि रानी कमलापति का विवाह मुस्लिम से हुआ था। जिसकी वजह से भाजपा यह नहीं बता पा रही है कि वह हिंदू थीं या मुस्लिम। ऐसे में भाजपा को यह स्पष्ट करना होगा कि हिंदू मुस्लिम के इस फेर में वो किस प्रकार की राजनीति कर रही है। उन्होंने यह बयान रीवा में दिया है। इसकी वजह से अब वे न केवल भाजपा के निशाने पर आ गए हैं, बल्कि पार्टी के आदिवासी वोट बैंक के लिए भी मुसीबत बन रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भगवान के भरोसे
प्रदेश में आपदा के समय गायब रहने के लिए मशहूर हो चुके शिव सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को दवाओं और अपने महकमे से अधिक भरोसा भगवान पर है। राजगढ़ दौरे पर गए चौधरी का कहना है कि मध्यप्रदेश में कोरोना से अब कोई संक्रमित ना हो, इसके लिए वे हर दिन सुबह ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। वे प्रार्थना में भगवान से कहते हैं कि अब कोई कोरोना का लहर न आए, जिससे प्रदेश में सभी सुरक्षित रहें। चौधरी प्रदेश के ऐसे मंत्री हैं जब लोगों को कोरोना के समय सर्वाधिक सरकार से इलाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत थी, तब वे कहीं नजर नहीं आए। यही नहीं प्रदेश में जब भी कोई आपदा या फिर बड़ी घटना या दुर्घटना होती है तब भी वे मैदानी स्तर पर सक्रिय नजर नहीं आते हैं। अब तो उनके विरोधी उन पर यह कहते हुए तंज भी कसने लगे हैं कि वे आपदा के समय मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने की जगह भगवान की शरण में चले जाते होंगे। फिलहाल सच क्या है वे ही जाने।
जब श्रीनिवास बीवी को देना पड़ा अल्टीमेटम
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी मप्र की इकाई से बेहद नाराज चल रहे हैं। हालात यह हो गए हैं कि उन्हें इकाई के पदाधिकारियों को पद से हटाने तक का अल्टीमेटम देना पड़ गया है। दरअसल उनके द्वारा पार्टी को मजबूत करने और चुनावी दृष्टि से तैयारी करने के जो भी निर्देश दिए जाते हैं उन पर प्रदेश इकाई द्वारा अमल ही नहीं किया जाता है। बार-बार कहने के बाद भी अमल न होने से हालात यह हो गए हैं कि अब तो उन्हें ऐसे पदाधिकारियों को हटाने तक का अल्टीमेटम तक देना पड़ गया। वे इकाई के कामकाज की समीक्षा करने भोपाल आए तो पता चला कि एक बूथ पांच यूथ को लेकर प्रदेश में कोई काम ही नहीं किया गया है। इससे नाराज होकर उनके द्वारा यहां तक कह दिया गया कि अगले तीन महीने में एक बूथ पांच यूथ की टीम चाहिए, अन्यथा प्रदेश अध्यक्ष हो या अन्य कोई और, हटा दूंगा। यही नहीं वे इस बात से भी बेहद नाराज दिखे की उपचुनाव के कुछ दिन पहले ही उन इलाकों के युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पार्टी ही छोड़ दी।
कुसुम महदेले ने ट्वीट कर वीडी पर साधा निशाना
कुछ दिनों तक शांत रहने के बाद अब एक बार फिर से प्रदेश में कई बार मंत्री रह चुकीं कुसुम महदेले ने ट्वीट बम फोड़ा है। इस बार उन्होंने निशाना बनाया है पार्टी के प्रदेश में मुखिया वीडी शर्मा और संगठन को। इस ट्वीट में उन्होंने व्यंग्य में तीखा तंज कसते हुए लिखा है कि भिंड निवासी हमारे सांसद हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा की न हम वरिष्ठ हैं और न ही हम वरिष्ठ कार्यकर्ता में शामिल किए गए हैं। सन् 1980 से भाजपा के कार्यकर्ता जरूर हैं, लेकिन भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल नहीं हैं। उपेक्षित पिछड़ी जाति से हैं। गरीबों वंचितों की मदद जरूर करते हैं। यही हमारा गुनाह है। विष्णु दत्त शर्मा जो भिंड के हैं, हमारे सांसद हैं। बता दें कि महदेले सुंदर लाल पटवा सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाई गई थीं। इसके बाद वे गौर, शिवराज सरकार में भी कई सालों तक मंत्री रह चुकी हैं। इससे पहले भी वे कई बार वे ट्वीट कर संगठन पर निशाना साध चुकी हैं।