
- संगठन में नियुक्तियों का दौर शुरू
भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश भाजपा के प्रभारी पी मुरलीधर राव के राग का असर ही है कि लंबे समय से संगठन के विभिन्न मोर्चों व प्रकोष्ठों में रिक्त चल रहे पदों को भरने की कवायद में बेहद तेजी आ गई है। इसकी वजह से वे कार्यकर्ता बेहद खुश है जो लंबे समय से इन पदों पर नियुक्यिां होने का इंतजार कर रहे थे। इनमें प्रदेश से लेकर जिलों स्तर तक के पद शामिल हैं। खास बात यह है कि प्रदेश की राजधानी होने के बाद भी अब तक भोपाल के अलावा महानगर इंदौर सहित कई जिले ऐसे हैं जिनमें अब तक जिलों की कार्यकारिणी तक नहीं बनी है। लगभग यही हाल पार्टी के प्रमुख सहयोगी माने जाने वाले संगठन के अधिकांश मोर्चा व प्रकोष्ठों में भी बने हुए हैं। दरअसल दो दिन पहले जब प्रदेश प्रभारी राव को इन संगठनों की हकीकत का पता चला तो वे न केवल बेहद नाराज हुए बल्कि उनके द्वारा इन सभी के प्रमुखों को 24 घंटे का अल्टीमेटम तक दे दिया गया। इसके बाद से ही मोर्चा-प्रकोष्ठों में टीम गठन की कवायद बेहद तेज हो गई है। इसमें भी खास बात यह है कि राव का रुख बेहद सख्त था, वह भी सार्वजनिक रूप से पार्टी की बैठक में। वे यहीं नहीं रुके थे, बल्कि उनके द्वारा यहां तक कह दिया गया था कि जैसा आपको स्वागत सत्कार का शौक है वैसा ही अन्य योग्य कार्यकर्ता भी चाहते हैं उन्हें क्यों बेरोजगार बनाकर बिठाया हुआ है। आधा कार्यकाल निकल चुका है आखिर टीम का गठन कब होगा। एक तरफ कार्यकर्ता बाहर काम के लिए खड़े हुए हैं और आप लोग उन्हें काम ही नहीं दे रहे हैं।
राव ने बेहद सख्त लहजे में कहा था कि इन लोगों का कार्यकाल का आधा समय तो इंतजार में ही निकल चुका है आखिर अब जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं होगी तो कब करेंगे? इसके बाद से ही हडक़ंप की स्थिति बनी हुई है। जिन जिलों में टीम का गठन नहीं हो पाया वहां पर कवायद शुरु कर दी गई है, तो जिन जिलों से पदाधिकारियों के लिए पैनल आ चुके हैं, उन पर विचार विमर्श का दौर शुरु हो गया है। स्थिति यह है कि भाजपा मुख्यालय में भी तेजी से सूचियां बनाने की हड़बड़ी दिखनी लगी है।
यह हैं भाजपा के मोर्चा-प्रकोष्ठ
भाजपा में 1 मोर्चा और 17 प्रकोष्ठ काम कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर संगठनों की जिला कार्यकारिणी अधूरी पड़ी हैं। कई जिलों के लिए अभी घोषणाएं भी नहीं हो पाई हैं। इनमें युवा, महिला, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और किसान मोर्चा शामिल हैं। प्रदेश प्रभारी की नाराजगी के बाद मोर्चा-प्रकोष्ठों की बची हुई नियुक्तियां किस्तों में जारी होने लगी हैं। प्रकोष्ठों में विधि, बुद्धिजीवी, व्यावसायिक, चिकित्सा, आर्थिक, सहकारिता, पूर्व सैनिक, सांस्कृतिक, बुनकर, शिक्षक, मछुआरा, व्यापारी, अंत्योदय, झुग्गी-झोपड़ी, खेल, स्थानीय निकाय और स्वयंसेवी संस्थाएं प्रकोष्ठ जैसे नाम हैं।
मैदानी कार्यकर्ताओं के निशाने पर होगा विपक्ष
मैदानी स्तर पर अब भाजपा के बड़े नेताओं की जगह पार्टी कार्यकर्ता ही विपक्ष पर न केवल हमला करेंगे, बल्कि विपक्षी नेताओं के आरोपों का उत्तर भी देगें। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भाजपा के मैदानी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने वाले वक्ताओं को जरूरी टिप्स दिए हैं। उन्हें भाषण देने के गुर भी समझाए गए हैं। इसके लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण के लिए भाजपा संगठन द्वारा 16 पॉइंट का एक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें सोशल मीडिया की समझ, व्यक्तित्व विकास, मीडिया के व्यवहार एवं उपयोग, विचारधारा और विचार परिवार जैसे विषय भी शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण में वक्ताओं को जरूरी टिप्स देते हुए कहा कि यह काम आप तभी कर सकते हैं जब शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा सभी को लगाकर प्रशिक्षण लें।