कांग्रेस के घुटने और कमर टूटी हुई है, तोड़ने की हमें जरूरत नहीं है

कांग्रेस

– दिग्विजय की चुनौती के बाद रामेश्वर का यूटर्न, बोले

– श्रीरामचरितमानस भेंट कर कराऊंगा अल्पाहार भी


भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। 
इन दिनों राजधानी में घुटना तोड़ राजनीति गर्माई हुई है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ताकत हो तो मेरे घुटने तोड़ दें। उन्होंने 24 नवंबर को एक घंटे रामेश्वर शर्मा के घर रामधुन करने की बात कही है। दिग्विजय की चुनौती के बाद विधायक शर्मा ने यू टर्न ले लिया।  उनका कहना है कि कांग्रेस के घुटने तोड़ने की हमें जरूरत नहीं है। पहले से ही कांग्रेस के घुटने और कमर टूटी हुई है। वहीं दिग्विजय की इस चुनौती के बाद रामेश्वर शर्मा ने फिर से उन पर निशाना साधा है। शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि मैं तो धन्य हो गया क्योंकि अगर मेरे चलते प्रभु श्रीराम का ध्यान करेंगे। उन्होंने दिग्विजय को श्रीरामचरितमानस भेंट करने की बात कही है। साथ ही यह भी पूछा है कि आप कितने लोगों के साथ आएंगे, यह भी बता दें ताकि वे सबके लिए अल्पाहार की व्यवस्था कर सकें। बता दें हुजूर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा का कुछ दिन पहले कलखेड़ा में अतिक्रमण के मामले से जुड़ी एक सभा का वीडियो सामने आया। इसमें शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम लेकर कहा कि वो छाती पीटकर गया। आठ महीने पहले वो आए, लेकिन कुछ करके गए क्या? विधायक ने कहा कि मेहरबानी करो, थोड़ी शांति रखो। किसी का मकान टूटने नहीं देंगे। शर्मा यह भी कहते है कि क्षेत्र में कोई कांग्रेस का आदमी आए तो उसके घुटने तोड़ दो।
मैं कांग्रेसी हूं, जिसमें ताकत हो मेरे घुटने तोड़ दे
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा को चैलेंज किया है। दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा कि मैं कांग्रेसी हूं। जिसमें ताकत हो तो मेरे घुटने तोड़ दे। मैं गांधीवादी हूं। हिंसा का जवाब अहिंसा से दूंगा। 24 नवंबर को मैं महात्मा गांधी की मूर्ति से रामेश्वर शर्मा के घर जाऊंगा। उनके घर जा कर प्रभु से उन्हें सदबुद्धि देने के लिए एक घंटे तक रामधुन करुंगा। गौरतलब है कि रामेश्वर शर्मा का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने पटलवार करते हुए कहा कि पूर्व विधानसभा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा किस प्रकार लोगों को भड़का रहे हैं, ये कैसी इनकी भाषा है। पहले सिंधी समाज के बारे, फिर राजपूत समाज के बारे में और अब कांग्रेस के बारे में। कितना अंहकार, सत्ता का कितना नशा है इनका। इन्हें जल्द इलाज करवाने की आवश्यकता है।

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