
- पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों पर जताया असंतोष
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव का घमासान थमने के साथ ही प्रदेश में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां पूरी नहीं हैं। इसको लेकर भाजपा संगठन ने नाराजगी जाहिर की है और सरकार को इस संदर्भ में सूचित भी किया है।
गौरतलब है कि उपचुनाव के परिणाम आने के बाद से भाजपा में उत्साह है और पार्टी पंचायत चुनाव के लिए अपनी मैदानी तैयारियां पूरी करने में जुट गई है। संगठन इस बात पर नाखुश है कि मैदानी स्तर पर चुनाव से जुड़ी समयबद्ध तैयारियां पूरी नहीं हुई हैं और चुनाव को लेकर अटकलें तेज हो गईं। पंचायतों के बाद नगरीय निकायों के चुनाव भी होना है उसके बाद विधानसभा 2023 के चुनाव का समय पास आ जाएगा।
न आरक्षण, न मतदाता सूची का प्रकाशन
भाजपा की नाराजगी की वजह यह है कि मतदाता सूची का प्रकाशन और जिला पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया अभी बाकी है। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस और स्टैंडिंग कमेटी गठित होते ही चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। यानी चुनावी तैयारियों में कुछ दिन और लगेंगे। ऐसे में पार्टी मैदानी तैयारी कैसे कर सकती है। भाजपा सूत्रों का कहना है चुनावी कार्यक्रम में अभी समय है क्योंकि राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग की गतिविधियां चल रही हैं ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग समानांतर रूप से अपना कार्यक्रम नहीं चलाएगा। अभी 30 नवंबर तक मतदाता सूची में नाम जुड़ने-कटने की कार्रवाई चलेगी उसके बाद दावे- आपत्तियां और 31 दिसंबर तक उसका अंतिम प्रकाशन होगा। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई संचालित होगी।
आयोग की तैयारियां पूरी नहीं
जिला पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण होना भी बाकी है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों को सभी तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए हैं। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही इस प्रयास में हैं कि ज्यादा से ज्यादा पंचायतों पर जीत दर्ज कर ली जाए जिससे उन्हें मिशन 2023 फतह करने में मदद मिलेगी। यही कारण है कि भाजपा संगठन ने अभी चुनावी गतिविधियां शुरू करने की अटकलों पर नाराजगी जता दी है। इस संबंध में संगठन की ओर से सरकार को भी अपनी आपत्ति से अवगत करा दिया गया है। पार्टी का तर्क है कि मतदाता सूची का प्रकाशन होने के बाद ही आगे की तैयारी शुरू कराई जाए। अभी तो जिला पंचायतों के अध्यक्ष के आरक्षण पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।
मिशन 2023 में पंचायत चुनाव की अहम भूमिका
भाजपा का मानना है कि मिशन 2023 की सफलता के लिए पंचायत चुनाव अहम भूमिका निभाएंगे। भोपाल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस की सफलता के बाद भाजपा संगठन अब प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में भी सफलता का परचम फहराने की तैयारी में जुटी है। सत्ता-संगठन का मानना है कि चुनाव कार्यक्रम 2019 में पहले ही दो साल लेट हो गया है। चुनाव होना प्रस्तावित थे लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया में समय बीत गया। इसके बाद कोरोना महामारी के कारण चुनाव टलते गए। पंचायतों के साथ ही जिला और जनपद, पंचायत, कृषि उपज मंडल और नगरीय निकाय के चुनाव भी होना बाकी है।