- प्रणव बजाज

ठगी करने वाले कांग्रेस विधायक पर चौथा मामला दर्ज
कांग्रेस के नेता इन दिनों पार्टी के साथ खुद के लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं। रसूख के चलते नेता कब किस का पैसा हजम कर जाएं कहा नहीं जा सकता है। ऐसा ही करने वाले सुमावली के कांग्रेस विधायक इन दिनों बड़ी मुसीबत में बने हुए हैं। उन पर एक के बाद एक धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज होते जा रहे हैं। उन पर अब तक चार प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। दरअसल विधायक अजब सिंह कुशवाह और उनके भाई रतीराम के खिलाफ ताजा मामला ग्वालियर निवासी जसवंत सिंह भाटिया ने दर्ज कराया है। यह मामला पांच साल पुराने एक जमीन के 34 लाख रुपए में किए गए सौदे को लेकर दर्ज किया गया है। इसमें विधायक और उनके भाई ने सौदा करने के बाद पैसा लेने के बाद अब तक उन्हें कब्जा तक नहीं दिया है। इसी तरह से बुरहानपुर में युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के खिलाफ भी पुलिस ने एक गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
अब 29 को लगेगी मैदानी अफसरों की क्लास
प्रदेश में मैदानी स्तर पर पदस्थ आला अफसरों की क्लास इसी माह की 20 तारीख को लगेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा द्वारा कई अहम योजनाओं की समीक्षा के साथ ही सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली योजनाओं के मामले में इन अफसरों से सुझाव भी लिए जाएगें। बीते डेढ़ माह में यह चौथा मौका है जब कलेक्टर , कमिश्नर कांफ्रेंस के लिए तारीख तय की गई है। इसके पहले तीन बार यह काफ्रेंस किसी न किसी वजह से टालनी पड़ी है। बताया जा रहा है कि इस कांफ्रेंस में माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई, महिला अपराध, टीकाकरण , सीएम हेल्पलाइन जैसी योजनाओं की कैफियत लेने के साथ ही इन अफसरों द्वारा किए जाने वाले नवाचारों की भी जानकारी ली जाएगी। इसके अलावा राशन आपके ग्राम योजना , मुख्यमंत्री उद्यम योजना को लेकर सुझाव भी लिए जाएंगे।
जब योजनाओं की हकीकत जानकर भौंचक रह गए सीएम
प्रदेश के अफसरान सीएम के साथ ही आमजन के लिए प्राथमिकता वाली योजनाओं को किस तरह से पलीता लगाते हैं, इसकी हकीकत बीते रोज उस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने आ गई, जब वे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। दरअसल जिस योजना के पूरा होने के लिए सरकार ने अगले साल तक का समय तय किया हुआ है, उस योजना के लिए अब तक जमीन ही नहीं तलाशी जा सकी है। यह योजना है दतिया जिले की मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना। इस मामले में उन्हें सिचाई व वन विभाग के अफसरों पर नाराजगी जाहिर करनी पड़ी। इसी तरह से कई अन्य योजनाओं की काम की बेहद मंद गति का भी पता चला, जिस पर उन्हेंतेजी लाने के निर्देश देने पड़े। कई ऐसी योजनाओं का भी खुलासा हुआ है, जिनका काम ठेकेदारों ने अटका रखा है।
चर्चा में है आलोक औरभगत का विवाद
इन दिनों भाजपा के दो नेताओं के बीच दो दिन पहले हुए विवाद की जमकर चर्चा हो रही है। यह विवाद पूर्व महापौर आलोक शर्मा और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा के बीच का बताया जा रहा है। विवाद की वजह है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम स्थल पर पुलिस अफसर द्वारा भगत सिंह को प्रवेश न देना। इस मामले मेंं भगत सिंह ने आलोक शर्मा से शिकायत की थी। आलोक स्थानीय बड़े भाजपा नेता होने के साथ ही भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। इस मामले में आलोक ने बाहरी अफसरों की तैनाती होने की वजह बताते हुए मामले को टालने का प्रयास किया। इसकी वजह से ही विवाद की स्थिति बनना बताया जा रहा है। यह बात अलग है कि अब दोनों नेता किसी तरह का विवाद होने से इंकार कर रहे हैं। इस बीच ओबीसी महासभा के नेता तुलसीराम पटेल ने इस मामले को तूल देते हुए आलोक द्वारा माफी नहीं मांगने पर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया गया।