- प्रणव बजाज

एसपी से लेकर निरीक्षक तक हटेंगे
अपने रसूख की वजह से एक ही स्थान पर जमे पुलिस अफसरों पर अब राज्य निर्वाचन आयोग की सख्ती भारी पड़ना तय हो गई है। पंचायत चुनाव की वजह से निर्वाचन आयोग ने इन्हें हटाने के निर्देश दे दिए हैं, लिहाजा पुलिस विभाग में एक बार थोकबंद तबादले होना तय है। यह तबादले इसी सप्ताह से शुरू हो जाएंगे। आयोग ने पुलिस मुख्यालय को भेजे निर्देश में कहा है कि एक स्थान पर तीन साल से अधिक समय से पदस्थ एसपी, एएसपी, डीएसपी व निरीक्षकों का तबादला किया जाए। खास बात यह है कि इसमें सिर्फ वे उप निरीक्षक ही तबादले का शिकार बनेंगे, जो थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ हैं। निर्देशों में उप निरीक्षक से नीचे के कर्मचारियों को तबादले में छूट दी गई है। आयोग ने यह छूट जरुर प्रदान कर दी है कि थाना प्रभारी व उप पुलिस अधीक्षक को जिले के अन्य थानों व संभाग में पदस्थ किया जा सकता है। लेकिन उक्त स्थान पर उनकी पदस्थापना पहले नहीं रही हो। आयोग ने यह भी कहा कि पुलिस मुख्यालय यदि चाहे तो जिले से बाहर भी स्थानांतरित कर सकता है।
तीन स्पेशल डीजी के बदलेंगे प्रभार
पुलिस मुख्यालय में पदस्थ तीन स्पेशल डीजी स्तर के अफसरों की पदस्थापना नए सिरे से होने की संभावना है। इसकी वजह है हाल ही में अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग बोर्ड का पद रिक्त होना। यह पद विजय यादव की सेवानिवृत्ति की वजह से हुआ है। यादव हाल ही में 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हुए हैं, तभी से पुलिस हाउसिंग बोर्ड में अध्यक्ष का पद रिक्त चल रहा है। माना जा रहा है कि इस पद पर स्पेशल डीजी ट्रेनिंग श्रीमती अरुणा मोहन राव को पदस्थ किया जा सकता है। श्रीमती राव को पुलिस हाउसिंग बोर्ड में पदस्थ होने पर उनकी जगह स्पेशल डीजी ट्रेनिंग के पद पर स्पेशल डीजी सीआईडी कैलाश मकवाना या स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिन्द कानिस्कर में से किसी एक को पदस्थ किया जा सकता है। इसी तरह से एडीजी सीआईडी (विजिलेंस) जीपी सिंह को भी अन्यत्र पदस्थ किए जाने की संभावनाए जताई जा रही हैं।
अब लोकायुक्त नहीं कस सकेगा शिकंजा
राज्य सरकार के उन कर्मचारियों व अधिकारियों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है, जिनके खिलाफ पूर्व में प्रकरण दर्ज होने के बाद खात्मा लगाया जा चुका है। यह राहत उन मामलों में दी गई है जिन मामलों में पहले लोकायुक्त पुलिस ने खात्मा लगा दिया था, लेकिन अब वह फिर से उन मामलों की जांच शुरू करना चाहता था। यह मामले करीब डेढ़ साल पहले यह कहते हुए समाप्त कर दिए गए थे कि इन मामलों में साक्ष्य नहीं मिले हैं। खास बात यह है कि इन सभी मामलों में न्यायालय में भी खात्मा पेश कर दिया गया था। खात्मा रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार भी कर लिया है। हाल ही में लोकायुक्त पुलिस ने इन मामलों की नए सिरे से जांच करने की तैयारी कर ली थी। इसकी वजह से यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने इन मामलों की नए सिरे से फिलहाल जांच करने पर रोक लगा दी। अब इस मामले में अगली सुनवाई के बाद फैसला होगा।
श्रीमंत पुत्र का जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन
श्रीमंत के पुत्र महाआर्यमन का 27 नवंबर को जन्मदिन है। वे इस दिन 27 साल के हो जाएंगे। वे अपने जन्मदिन के बहाने ग्वालियर शहर में शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। यही वजह है कि पूरे ग्वालियर शहर को अभी से होर्डिंग, पोस्टर और बैनर से सजाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब महाआर्यमन ग्वालियर में अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वे अब तक दिल्ली या फिर विदेश में ही जन्मदिन मनाते रहे हैं। यह बात अलग है कि अब तक यह तय नही है कि उनके जन्मदिन में श्रीमंत शामिल होंगे या नहीं। दरअसल महाआर्यमन अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी मेंं पढ़ते रहे हैं। उन्होंने वहां से दो साल पहले ही एमबीए में स्नातक की डिग्री ली है। महाआर्यमन 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी मां प्रियदर्शिनी सिंधिया के साथ श्रीमंत का चुनाव प्रचार कर चुके हैं। इसे फिलहाल उनकी राजनैतिक पारी शुरू करने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। फिलहाल अब तक तो उनके द्वारा राजनीति से दूरी बना रखी है। खास बात यह है कि इस आयोजन की जानकारी श्रीमंत समर्थकों तक भी पहुंचा दी गई है।