
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की वजह से देशभर में चल रहे विवाद के बीच अब मप्र के भाजपा के नेता भी कूद गए हैं। इनमें भी मंत्री व सांसद स्तर तक के नेता शामिल हैं। हालांकि कई छुटभैया नेता तो पहले से ही पक्ष व विपक्ष में मोर्चा खोले हुए थे।
इस मामले में पहले से ही कांग्रेस नेता से लेकर समूचा विपक्ष पहले से ही उनके बयान के विरोध में मोर्चा खोले हुए है। इस बीच प्रदेश सरकार के एक मंत्री और उनके ही एक सांसद पक्ष व विपक्ष में कूद पड़े हैं। इनमें भाजपा सांसद दुर्गादास उइके जहां कंगना के बयान से इत्तेफाक नही रखते हैं, तो वहीं शिव सरकार के मंत्री कमल पटेल उनके पक्ष में खड़े हो गए हैं। यह बात अलग है कि बीते लंबे समय से कंगना अपने विवादास्पद बयानों की वजह से हमेशा ही चर्चा में बनी रहती हैं। उनके द्वारा हाल ही में आजादी को लेकर दिए गए बयान पर विवाद अब तूल पकड़ता ही जा रहा है। इस मामले में अभी तक कांग्रेस के अलावा तमाम विपक्षी पार्टियां उनके बयान का विरोध कर रही थीं।
इस मामले में अब सरलता और स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध बैतूल के सांसद दुर्गादास उइके ने कंगना के एकदम गलत बताते हुए एक सिरे से खारिज करते हुए विरोध में उतर आए हैं। उनका कहना है कि कंगना रनौत का यह व्यक्तिगत बयान है, लेकिन उन्होंने जो भी कहा, वह बिल्कुल ही गलत कहा है। वे बोले कि जनजातीय समाज या आजादी के लिए जिन्होंने भी योगदान दिया है उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उइके ने कहा कि ऐसे बयान की सभी को निंदा करनी चाहिए। हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित हुईं कंगना रनौत ने 1947 में मिली आजादी को भीख की आजादी और 2014 में असली आजादी की बात कही थी। इसके बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस बीच शिव सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल भी कूद पड़े।
यह बात अलग है कि उनके द्वारा कंगना के बयान का समर्थन सीधे तौर पर तो नहीं किया, लेकिन भावनात्मक रूप से अभिनेत्री के बयान को समझने की बात कहकर उनका समर्थन करने में भी पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने मीडिया से चर्चा में फिसली जुबान को संभालते हुए उन्होंने कहा कि, मैं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन फिल्म अभिनेत्री के भावनाओं को समझना चाहिए, क्योंकि आजादी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक। इस पर जब उनसे पूछा गया कि, क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय आजादी नहीं थी? इस पर पटेल ने कहा कि, मैंने भी एक बार ये कहा था कि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को आर्थिक आजादी मिली है। मुझे भी पता है कि, देश को आजादी 1947 में मिली, लेकिन फिर से उसी बात को दोहराता हूं कि, आजादी कई प्रकार की होती है।
कंगना को मिला उषा ठाकुर को साथ
उधर, ग्वालियर में भगवा संस्कृति की पैरोकार मंत्री उषा ठाकुर कंगना का समर्थन करते नजर आईं। उन्होंने कंगना के आजादी वाले बयान पर कहा कि आजादी भीख में नहीं मिल सकती। कंगना के बयान को लेकर कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी है। पद्मश्री वापस लेने की मांग पर कहा पद्मश्री उन्हें दूसरे कार्य के लिए दिया गया है और यह अलग मामला है। ऐसे में पद्मश्री की वापसी की मांग करना अनुचित है।