विवादास्पद कंपनी को 30 मिनट में दे दिया 3,000 करोड़ का टेंडर

विवादास्पद कंपनी
  • चिंकी बैराज और सांवेर माइक्रो इरीगेशन परियोजनाओं की बिड क्रमश: 5.1 और 5.8% विलो पर खुली

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व में मिले कामों को पूरा करने में नाकाम रही मेघा इंजीनियरिंग को 30 मिनट में अरबों का टेंडर देकर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने विवादास्पद  कंपनी पर अपनी मेहरबानी जग जाहिर कर दी है। यही नहीं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बैराज और सांवेर माइक्रो इरीगेशन परियोजनाओं की बिड क्रमश: 5.1 और 5.8 प्रतिशत विलो पर खुली हैं।
गौरतलब है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बैराज और सांवेर माइक्रो इरीगेशन परियोजनाएं शुरू से विवादों में रही हैं। विवादों के कारण पूर्व में यह निविदाएं एक बार निरस्त होने के बाद पुन: बुलाई गई थी। इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है, जो कुछ नए इशारे करता है। एनवीडीए की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड दस्तावेज के मुताबिक 27 अक्टूबर को 30 मिनट में दोनों परियोजनाओं के टेंडर डॉक्युमेंट अपलोड होकर मूल्यांकित भी हो गए और टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड की औपचारिकता पूरी हो गई। इनमें उस विवादास्पद कंपनी को भी चुन लिया गया है, जिसके दो विवाद पहले से ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के खिलाफ चल रहे हैं।
मिनटों में  फाइनल हो गई फाइनेंशियल बिड: इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है। एनवीडीए की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड टेंडर समरी रिपोर्ट के मुताबिक सांवेर माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन स्कीम की टेक्निकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 5 मिनट पर अपडेट हुई और इसके 10 मिनट बाद यानी 5 बजकर 15 मिनट पर फाइनेंशियल बिड ओपन हो गई। इसी तरह फाइनेंशियल बिड 5 बजकर 22 मिनट पर अपलोड कर दी गई। इसी तरह चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में टेक्निकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 30 मिनट पर अपडेट हुई और टेक्निकल
एवोल्युशन के बाद इसे 27 अक्टूबर को ही 30 मिनट बाद यानी 5 बजकर 33 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया। इसके दो मिनट बाद यानी 5 बजकर 35 मिनट पर इसकी फाइनेंशियल बिड ओपन हुई और 5 बजकर 38 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया। गौरतलब है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर पर 2013 के टर्नकी बेसिस पर अपर नर्मदा प्रोजेक्ट डिंडोरी मामले में 40 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई है। बैंक गारंटी जब्त की गई, जबकि खरगोन के लिफ्ट इरीगेशन परियोजना मामले में 55 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई थी, हालांकि दोनों मामले फिलहाल आर्बिटेशन ट्रब्यूनल में विचाराधीन है।
बिड 5.8 विलो पर खुली
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सांवेर माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट खरगोन का प्रोजेक्ट में एल-1 हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्राटेक्चर लिमिटेड आई है। इसकी बिड 5.8 विलो पर खुली है। इस परियोजना की लागत 2959.29 करोड़ रुपए है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड एल-1 आई है। इसकी बिड 5.01 विलो पर ओपन हुई है। इस परियोजना की लागत 5434.79 करोड़ रुपए है। जबकि एलएंडटी ने एक टेंडर में 1 फीसदी विलो और दूसरे में 4.42 बढ़ी हुई दरों के साथ तीसरे स्थान पर रही।

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