
- रालामंडल अभयारण्य के बफर जोन में शराब पार्टी करने के मामले को दबाने की कोशिश
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रतिबंधित के बावजूद जंगल में शराब पार्टी कर मंगल करने वाले अफसरों को बचाने के लिए वन महकमा जुट गया है। दोषी एसडीओ दिनेश वास्कले के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें फटकार लगाकर छोड़ दिया गया है। वहीं मामले को दबाने के लिए पार्टी से इंकार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार इंदौर संभाग के रालामंडल अभयारण्य की जिम्मेदारी संभालने वाले एसडीओ दिनेश वास्कले ने गतदिनों बफर जो में स्थित अपने घर (जीवाश्य केंद्र के नजदीक गेस्ट हाऊस) में पार्टी आयोजित की, इसमें अपने दोस्तों के अलावा कुछ वनकर्मियों को भी बुलाया। पार्टी में जमकर शराब पी और पिलाई गई। मामला सामने आने के बाद मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) एचएस मोहंता तुरंत निरीक्षण करने पहुंचे। वहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति को जमकर फटकारा। अब ये मामला दबाया जा रहा है। यही वजह है कि सीसीएफ ने पार्टी की बात से ही इंकार कर दिया है।
नशे में धुत मिले कई लोग
जानकारी के अनुसार बफर जोन में किसी भी तरह की ऐसी गतिविधियां प्रतिबंधित हैं जिसमें लोग जुटें। लेकिन अभयारण्य में बने गेस्ट हाउस में रह रहे एसडीओ वास्केल ने पार्टी रखी। करीब दस लोग उसमें शामिल हुए, जिसमें तीन वनकर्मी भी थे। सीसीएफ मोहंता को अभयारण्य में शराब पार्टी की सूचना मिली। तत्काल वे निरीक्षण करने पहुंचे। अभयारण्य के मुख्य द्वार पर एक व्यक्ति नशे में धुत मिला। पूछने पर उसे सांप पकड़ने वाला बताया गया। फिर एसडीओ के घर पहुंचे। वहां का नजारा देखकर सीसीएफ भड़क गए और सारे लोगों को फटकारा। पार्टी बंद करने को कहा। थोड़ी देर रुकने के बाद वहां से चले गए।
मामले को दबाने की कोशिश
अभयारण्य के बफर जोन में पार्टी करना बड़े अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए अब मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में सीसीएफ मोहंता का कहना है कि मुझे पार्टी को लेकर फोन आया था। निरीक्षण करने गया तो वहां कुछ भी नहीं मिला। पार्टी नहीं हो रही थी। वैसे मैंने वहां आए लोगों को आने के लिए मना कर दिया है।
नियम विरूद्ध 8 माह से रह रहे एसडीओ
वहीं वन विभाग के रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि जीवाश्म केंद्र के नजदीक बने गेस्ट हाउस में आठ महीने से एसडीओ रह रहे है। यहां किसी भी व्यक्ति को रहने की अनुमति नहीं है, क्योंकि वह स्थान बफर जोन है। डियर सफारी से लगा होने के चलते हिरण, चीतल वहां अक्सर आते है। ऐसी स्थिति में वहां नियम विपरीत एसडीओ को रहने की वन अफसरों ने अनुमति दी है। इसके चलते आए दिन लोगों का रात में वहां आना-जाना रहता है, जबकि शाम छह बजे बाद डियर सफारी जोन आम जनता के लिए बंद हो जाता है। गेस्ट हाउस पर रहने वाले सवाल पर सीसीएफ मोहंता ने कहा कि उन्हें अलॉट हुए बंगले में अभी कोई रह रहा है। इसके चलते उन्हें वहां रहने की अनुमति दी है। दिसंबर में खाली होते ही वे शिफ्ट हो जाएंगे।
प्रतिबंध के बावजूद कैसे आए बाहरी लोग
वहीं वन्यप्राणी प्रेमियों का कहना है कि अभयारण्य में जब 9.30 बजे तक किसी भी व्यक्ति का प्रवेश करने की अनुमति नहीं है तो वहां पार्टी के लिए बाहरी लोग कैसे आए। वैसे आए दिन बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसे लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाल सकते है। अभयारण्य में शराबखोरी को लेकर पहले भी एक- दो वीडियो वायरल हो चुके है। मगर इनकी जांच नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान नशे में धुत व्यक्ति को सपेरा बताया है, जबकि रालामंडल में सांप पकड़ने वाली की जरूरत क्या है, जबकि नागपंचमी में रेसक्यू कर लाए जाने वाले सांप वहीं छोड़ देते हैं।