- प्रणव बजाज

सांसद और मंत्री को बता रहे पनौती
रैंगाव सीट पर मिली पार्टी की हार के बाद अब स्थानीय कार्यकर्ता स्थानीय सांसद गणेश सिंह के अलावा मंत्री रामखेलावन पटेल को बड़ी वजह बताते हुए उन्हें पनौती तक मानने लगे हैं। दरअसल सांसद गणेश सिंह की जिद और पसंद के चलते ही पार्टी को सतना में रहने वाली प्रतिमा बागरी पर दांव लगाना पड़ा। प्रतिमा खुद तो कमजोर साबित हुई ही और पार्टी के लिए भी बेहद शर्मनाक स्थिति बनाने में पीछे नही रहीं। दरअसल गणेश सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे खुद को छोड़कर कभी भी पार्टी के लिए फायदे वाले साबित नहीं हुए, उल्टे उसके लिए नुकसानदेह ही लगातार साबित होते रहे हैं। इसके पहले उन्हें चित्रकूट उपचुनाव का जिम्मा भी दिया गया था, जहां भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। हालात यह हो गए हैं कि अब तो पार्टी कार्यकर्ता इन दोनों ही नेताओं को सोशल मीडिया पर पनौती बताने से पीछे नहीं रह रहे हैं। उन्हें पानौती बताने वाले कई पोस्ट बीते दिन किए गए हैं।
हार का ठीकरा सोशल मीडिया इंचार्ज पर
खंडवा लोकसभा सीट पर मिली हार का पहला ठीकरा कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया इंचार्ज पर फोड़ा है। दो माह पहले ही कांग्रेस द्वारा जिस अरुण यादव के करीबी असदउद्दीन को सोशल मीडिया को प्रभारी बनाया गया था, उन्हें चुनाव परिणाम आते ही हटाकर यह जिम्मेदारी गौरव जोशी को दे दी गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि उन्हें हटाने के पीछे की वजह है उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में उनका लिप्त होना। अब कांग्रेस नेताओं को कौन समझाए की पार्टी में उनसे कई गुना अधिक अनुशासनहीन नेता हैं, जिन पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें तो पाला-पोसा जा रहा है, जबकि उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। उधर पार्टी ने प्रदेश स्तर पर हार के कारणों की तलाश के लिए एक कमेटी भी गठित की है। जो उपचुनावी इलाकों से हार के कारणों की तलाश कर पीसीसी चीफ को पूरी जानकारी देगी।
कश्मीर में जौहर दिखाएंगे राजाबाबू सिंह
मध्य प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर राजाबाबू सिंह को केन्द्र सरकार ने बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए उन्हें कश्मीर में बीएसएफ का जिम्मा सौंपा है। वे 1994 बैच के अफसर हैं। इसके पहले तक वे मणिपुर में बीएसएफ की कमान बतौर आईजी संभाल रहे थे। अब उन्हें कश्मीर में आईजी बीएसएफ बनाकर पदस्थ किया गया है। बीएसएफ में यह बेहद महत्वपूर्ण, बल्कि चुनौतीपूर्ण पदस्थापना मानी जाती है। इसके पहले प्रदेश के ही एक अफसर को भी कश्मीर में बीएएसफ की कमान मिल चुकी है। यह पदस्थापना केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। इस पदस्थापना के पहले केन्द्र अधिकारी हर चुनौती से निपटने की क्षमता को परखती है।
देवास राजपरिवार में भी संपत्ति विवाद
प्रदेश में वैसे तो कई राजघराने हैं जिनमें संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहे हैं। अब उनमें एक और नया नाम जुड़ गया है देवास राजघराने का। देवास के पूर्व मंत्री स्व. तुकोजीराव पवार की बहन शैलजा राजे ने अपनी पिता की पारिवारिक 1239 करोड़ की संपत्ति में हिस्सेदारी मांगी है। इसके लिए अब उनके द्वारा परिवाद दायर किया जा चुका है। इसकी वजह बनी है वह वसीयत जो अचानक से महल की सफाई के दौरान मिलना बताई जा रही है। बताया जाता है कि इस वसीयत में पूरी सम्पत्ति का अधिकार स्व तुकोजीराव पवार को देने को कहा गया है। अब उनकी मृत्यु हो चुकी है, लिहाजा उस पर अब पर उनके परिजन गायत्री राजे, विक्रम सिंह और कनिका राजे का अधिकार बताया जा रहा है।