इंस्पायर अवॉर्ड योजना में छात्रों की रूचि नहीं

इंस्पायर अवॉर्ड योजना

– 5152 आइडिया प्रदेश से आए

– पिछले साल 26000 तो इस साल 6 हजार आइडिया भी नहीं आए

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
कोरोना संक्रमण के दौर में घर बैठकर छात्रों ने इंस्पायर अवॉर्ड योजना के लिए 26,000 आइडिया दिए थे, लेकिन इस बार स्कूल खुले होने के बाद भी 6,000 आइडिया नहीं दे पाए हैं। इस साल प्रदेशभर से मात्र 5152 आइडिया मिले हैं। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश के स्कूलों में माहौल की कमी है। इस कारण इंस्पायर अवॉर्ड योजना में छात्रों की रूचि नहीं दिख रही है।
गौरतलब है कि भविष्य के युवा वैज्ञानिकों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र में नवाचारों को प्रमोट कर उन्हें राज्य और राष्ट्रस्तर पर लाने की कोशिश की जाती है। फिर भी इस मामले में प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं है। इस शैक्षणिक सत्र में स्कूलों की उदासीनता या फिर छात्रों की अरुचि के चलते जिले से ऐसे युवा वैज्ञानिक सामने नहीं आ सके हैं।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का गौरव
विद्यार्थियों में सृजनशीलता एवं रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साइंस एंड टेक्नोलोजी डिपार्टमेंट गवर्मेंट आॅफ इंडिया द्वारा इस कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। छात्रों को विदेश जाने का भी मौका मिलता है। राष्ट्रीय स्तर पर आइडिया चयनित होने पर राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शन के साथ ही राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का गौरव प्राप्त होता है। मॉडल को आईआईटी व एनटीए जैसे संस्थानों के तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रदर्शित किया जाता है।
6वीं से लेकर कक्षा 10वीं के छात्रों से आइडिया मांगे
इंस्पायर अवॉर्ड योजना के लिए छात्रों के मौलिक विचार अथवा नवाचारी आइडिया होना बेहद आवश्यक है। संबंधित विषय के शक्षक को भी इस बात का ख्याल रखना होता है। कक्षा 6वीं से लेकर कक्षा 10वीं के छात्रों से आइडिया मांगे गए थे। स्कूलों ने कोई खास रुचि नहीं दिखाई। जबकि चयन पर 10 हजार की नकद राशि का प्रावधान है।  स्टेट नोडल अधिकारी धीरेंद्र चतुर्वेदी कहते हैं कि छात्रों की वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है। नवीन आइडिया को लेकर जिले और स्कूलों द्वारा लापरवाही प्रदर्शित की जा रही है, जो उचित नहीं है। इसे आगे बढ़ाते हुए तत्काल डीईओ और जेडी को कार्रवाई करने निर्देशित किया है।
यह लापरवाही
– स्कूलों में शिक्षकों का चयन नहीं
– छात्रों को नहीं किया प्रोत्साहित
– अशासकीय स्कूलों की अरुचि
– कोरोना में स्कूल बंद होना
– विभागीय अफसरों की लापरवाही

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