- प्रणव बजाज

आईपीएस अफसर पर दर्ज हुई सात एफआईआर
म प्र के होशंगाबाद जिले के इटारसी निवासी 2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी के खिलाफ एक के बाद एक सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह एफआईआर उनके खिलाफ पड़ौसी राज्य उत्तर प्रदेश में दर्ज हुई है। इसमें से एक मामला उनके खिलाफ अयोध्या कोतवाली पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक की असिस्टेंट मैनेजर श्रद्धा गुप्ता सुसाइड केस में आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया है। श्रद्धा के सुसाइड नोट में आशीष तिवारी के अलावा मंगेतर विवेक गुप्ता और एक अन्य पुलिस अधिकारी अनिल रावत को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया गया था। 2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी के पिता कैलाश नारायण तिवारी रेलवे इटारसी में सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग में सीनियर सेक्शन इंजीनियर पद से रिटायर्ड हैं और वे पुरानी इटारसी के कृष्णाविहार कॉलोनी में रहते हैं। आशीष की 12वीं तक की पढ़ाई इटारसी के केंद्रीय विद्यालय में हुई। उसके बाद उन्होंने कानपुर आईआईटी से एमटेक किया। इसके बाद उन्होंने लंदन की लेहमैन ब्रदर्स कंपनी में और उसके बाद जापान के नोमुरा बैंक में नौकरी की। इसके बाद भारत लौटे और उनका आईपीएस में चयन हो गया।
आईएफएस मीणा के खिलाफ हैं कई आरोप पत्र लंबित
भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अफसर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मोहन मीणा के निलंबन की अवधि एक माह और बढ़ा दी गई है। वे अश्लील हरकतें और महिला उत्पीड़न के मामले में निलंबित चल रहे हैं। इस मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय की लापरवाही भी सामने आ रही है। मुख्यालय द्वारा राज्य शासन से 18 अक्टूबर को प्राप्त चार्जशीट अब तक तामील नहीं कराई गई है। खास बात यह है कि इस बीच निलंबित मीणा ने 20 अक्टूबर को मुख्यालय को बहाली करने का आवेदन देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का भी प्रयास किया। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं तत्कालीन पदेन वन संरक्षक बैतूल मोहन मीणा को पुत्र के बैंक अकाउंट में अधीनस्थ कर्मचारी से 30 हजार रुपए जमा कराने के मामले के अलावा अश्लील हरकतें, अनुचित आचरण और कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में भी प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इन मामलों में उन्हें राज्य शासन ने 19 अगस्त को निलंबित कर दिया था। इसी तरह से उनके खिलाफ 9 महीने से अधिक समय से वन्य प्राणी शाखा में आरोप पत्र भी लंबित बना हुआ है।
अब कांग्रेस विधायक के माता पिता पर दर्ज हुई एफआईआर
बीते कुछ माहों में एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों या उनके परिजनों के खिलाफ कोई न कोई प्रकरण दर्ज होने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब नया मामला आलोट से कांग्रेस विधायक मनोज चावला के माता पिता गिरिजाबाई, कोमल चावला का सामने आया है। उनके खिलाफ पुलिस ने मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है। इसकी वजह बना है वह विवाद जो बच्चों के बीच सोशल मीडिया पर चैटिंग को लेकर हुआ। उनका यह विवाद विधायक मनोज चावला के भतीजे और एक मीडियाकर्मी के बेटे के बीच हुआ था। इसके बाद दोनों के ही दादा-दादी आपस में भिड़ गए। इस मामले में मीडियाकर्मी की मां की रिपोर्ट पर पुलिस ने विधायक के माता-पिता पर और विधायक के पुत्र की रिपोर्ट पर मीडियाकर्मी के दूसरे बेटे अभिषेक पहाड़िया के खिलाफ उभयपक्षीय केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार 29 अक्टूबर को विधायक मनोज चावला के भतीजे कबीर ने सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट की थी। इसकी चैटिंग को लेकर दुर्गाशंकर पहाड़िया के पुत्र पीयूष से उसकी कहासुनी हो गई थी।
प्रदेश में रोने वाले पहले मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला बोला है। उनका कहना है कि मैं कमलनाथ जैसे नहीं रोता। जैसे ही वे सीएम बने उनके द्वारा रोना शुरू कर दिया गया था कि खजाना खाली है। इसकी वजह से वे जन कल्याण का काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने जनता से कहा कि क्या किसी सीएम का रोना अच्छा लगता है? जब रोना ही था तो सीएम क्यों बने? जब तक सत्ता में रहे जनता के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया। जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रहीं थीं, उन्हें बंद कर दिया। मैं जन कल्याण के लिए कोई भी कमी नहीं छोड़ेगा। सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। यह हमला उनके द्वारा विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की आठ दिवसीय साइकिल यात्रा के समापन अवसर पर देवतालाब में कार्यक्रम को संबोधित करते समय किया गया । इस दौरान मुख्यमंत्री ने 99 करोड़ 77 लाख रुपए के 59 निर्माण कार्यों का लोकार्पण तथा भूमिपूजन किया।