- प्रणव बजाज

अब केन्द्र की नाफरमानी पड़ रही है भारी
मध्यप्रदेश सरकार और उसके नीती नियंत्रक अफसरों को अब केन्द्र सरकार की नाफरमानी भारी पड़ गई है। बीते साल अधिक आईपीएस अफसरों के प्रस्ताव को प्रदेश ने ठुकरा दिया था , लिहाजा अब राज्य द्वारा भेजे गए तय सीमा से अधिक के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि तय पांच फीसदी से अधिक पदों में वृद्धि नहीं की जाएगी। इसके साथ ही केन्द्र ने कॉडर रिव्यू का प्रस्ताव लौटा दिया है। प्रस्ताव में राज्य सरकार द्वारा पांच फीसदी की सीमा की जगह साढ़े 12 फीसदी पद बढ़ाए जाने की मांग की थी। मध्यप्रदेश सरकार की मंशा लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियों में भी आईपीएस अफसरों को एसपी के तौर पर पदस्थ करने है। अब केंद्र के प्रस्ताव लौटाने से राज्य सरकार की मंशा को झटका लगा है। दरअसल केंद्र सरकार ने बीते साल प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एमपी 16 आईपीएस अफसर देने की पेशकश की थी। इस पर राज्य सरकार ने अपनी सहमति नहीं देते हुए महज छह आईपीएस अफसरों को ही भेजने की सहमति दी थी।
और बेंच डाला लक्ष्मण ने दशरथ महल
प्रसिद्ध रामायण सीरियल में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले भोपाल निवासी सुनील लहरी ने आखिर अपना पुश्तैनी भवन बेंच दिया है। सुनील द्वारा लक्ष्मण का किरदार निभाने के बाद उनके पुश्तैनी भवन को लोग दशरथ महल कहने लगे थे। यह उनका पुश्तैनी मकान जहांगीराबाद थाने के नजदीक है। इसे उनके द्वारा बीते दिन बेंच दिया गया है। उनका वर्षों पुराना घर देखरेख के अभाव में अब खंडहर का रूप ले चुका था। इसकी रजिस्ट्री के लिए सुनील चूना भट्टी निवासी अपने भाई के साथ आईएसबीटी स्थित पंजीयन कार्यालय पहुंचे और देवेंद्र साहू के नाम अपने मकान की रजिस्ट्री कर दी। इस मकान के बेचे जाने के बाद उनका अपने इस बचपन के इलाके से नाता टूट गया है। दरअसल उनके द्वारा अपना नया ठिकाना मुंबई में बना लिया गया है ,जिसकी वजह से वे कभी-कभी विशेष मौके पर ही भोपाल आते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का वीडियो चर्चा में
मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम इन दिनों बेहद चर्चा में हैं। इसकी दो वजहें हैं, एक है उनकी साईकिल यात्रा और दूसरी वजह है उनका एक वीडियो जो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें वे कह रहे हैं कि उनके एक आदेश पर सीएस खड़ा रहता है। चार-चार, पांच-पांच घंटे बैठाकर रखता हूं, फिर भी नहीं मिलता हूं….। नौ सेकेंड के इस वीडियो ने राजनेताओं के साथ ही प्रदेश के ब्यूरोक्रेट में भी हलचल मचा रखी है। विरोधी इसे अधिकारी वर्ग के अपमान के रूप में बता रहे हैं तो वहीं आमजन खुश है कि कम से कम कोई तो है जो उन्हें आम आदमी के कष्ट का अहसास तो कराता है। यह वीडियो उनके विधानसभा क्षेत्र देवतालाब के ग्राम शिवराजपुर में दिए गए भाषण का बताया जा रहा है। हालांकि पूरा वीडियो सुना जाए तो वे कहते सुने जा रहे हैं कि जब मित्रता करता हूं, तो उससे दिल से करता हूं। मैं कृष्ण और सुदामा को आदर्श मानता हूं। मैं भी राम की तरह सत्ता से कोई मोह नहीं करता।
शिक्षा मंत्री के निशाने पर हैं लेखक और इतिहासकार
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के निशाने पर पुराने लेखक और इतिहासकार आ गए हैं। उनका कहना है कि विदेशी ताकतों ने भारत में आजादी के पहले और बाद में अपने एजेंट बैठाकर लेखक और इतिहासकारों से अपने पक्ष में झूठा इतिहास लिखवाया है, जिसकी वजह से अब तक सिर्फ झूठ पढ़ाया, झूठ सिखाया और झूठ बोला भी गया। उसमें ऐसा बताया गया है कि जैसे सभी खोज विदेशियों ने ही की हैं, भारत ने कुछ किया ही नही है। यह आरोप उनके द्वारा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों की एक्सपोजर विजिट एवं कार्यशाला के समापन अवसर पर अपने भाषण में लगाया गया है। उनका कहना है कि यही वजह है कि शिक्षा के क्षेत्र में इतनी गिरावट आई। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग सिर्फ नौकरी देने के लिए नहीं है। यह समाज का निर्माण करने के लिए है। अब समय आ गया है कि नकारात्मक सोच को बदलना होगा।