अरेरा कॉलोनी के अवैध निर्माण को वैध मानता है नगर निगम, नहीं की जाती कार्रवाई

अवैध निर्माण

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। शहर के सबसे पॉश कालोनियों में शामिल अरेरा कालोनी में रसूखदार और पैसे वाले लोगों को अघोषित रूप से नगर निगम ने अवैध निर्माण की मंजूरी दे रखी है। शायद यही वजह है कि इस इलाके में के बिल्डिंग परमिशन से ज्यादा निर्माण अधिक और आवासीय निर्माण की मंजूरी की जगह व्यवसायिक निर्माण का खेल खुलेआम जारी है, लेकिन उन पर कार्रवाई करना तो दूर नोटिस तक नहीं जारी किए जा रहे हैं। यह हालत राजधानी में तब हैं जबकि 20 हजार से ज्यादा लोगों को नगर निगम द्वारा कंपाउंडिंग के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। यही नहीं कंपाउंडिंग न कराने पर अतिरिक्त निर्माण तोड़ने की कार्रवाई भी की जा रही है। खास बात यह है कि अरेरा कॉलोनी के 35 फीसदी आवासीय प्लॉट्स पर व्यावसायिक इमारतें बनाकर उनमें खुलेआम व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इन भवनों में शोरूम, ऑफिस और नर्सिंग होम-निजी अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि दो साल पहले अरेरा कॉलोनी में नगर निगम खुद 513 आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों को चिह्नित कर चुका है, लेकिन उनमें से किसी एक पर भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई। ज्यादातर अनुमतियां 2016-17 में जारी की गई थीं। भोपाल विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1978 में अरेरा कॉलोनी को विकसित किया था। मास्टर प्लान में इस क्षेत्र को पूरी तरह आवासीय घोषित है। हालांकि मास्टर प्लान 2031 में अरेरा कॉलोनी में व्यावसायिक गतिविधियों को मंजूरी देने की तैयारी जरूर की जा रही है।
750 वर्ग फीट बनाने की जगह तान दी गईं चार मंजिला इमारतें
अरेरा कॉलोनी में 0.75 एफएआर है। यहां यदि 1000 वर्गफीट जमीन है, तो इस एफएआर के अनुसार वह 150 वर्ग फीट ही निर्माण कर सकता है। बावजूद अरेरा कॉलोनी में चार से पांच मंजिला भवन बन रहे हैं। ये दो एफएआर तक ले रहे हैं। इसकी वजह से इस इलाके में रहने वाले हजारों लोग परेशान बने हुए हैं। यहां पर अवैध रूप से व्यावसायिक संस्थानों के कर्मचारी लोगों के घरों के सामने दो और चार पहिया वाहन पार्क कर देते हैं।
कलेक्टर से लेकर निगम आयुक्त तक कोई नहीं करते सुनवाई
अरेरा आवासीय संघ द्वारा कई बार कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से शिकायत की जा चुकी है। शिकायत करने वालों में रिटायर्ड आईएएस निर्मला बुच, दिनेश शुक्ला, शशि सिन्हो, अजीत सीतलानी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि महावीर द्वार से ओल्ड कैपियन, नेशनल अस्पताल से 10 नंबर मुख्य मार्ग और बघीरा अपार्टमेंट वाली रोड पर 100 से अधिक मकानों को तोड़कर इनकी जगह कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, होटल और शोरूम बनाकर कारोबार किया जा रहा है। इसे रोकने सीलिंग की कार्रवाई करने को कहा गया था। इस पर नगर निगम का कहना है कि शिकायतें आने पर इंजीनियर से जांच करवाते हैं। तय प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसे देखने के लिए अफसरों को कहा गया है।

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