
- मप्र में नवंबर-दिसंबर में होंगे पंचायत चुनाव, नए कलेक्टरों को नहीं है पंचायत चुनाव कराने का अनुभव
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में कराए जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने स्तर पर चुनाव की तैयारी कर ली है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे भी चुनावी तैयारी तेज करें। पंचायत चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए आयोग नए कलेक्टरों को चुनावी बारीकी सिखाएगा। प्रदेश में करीब 10 कलेक्टर ऐसे हैं जिन्हें चुनाव कराने का अनुभव नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाए हैं। अब लगभग दो साल की देरी से चुनाव कराने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संदर्भ में राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैदानी तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही आयोग ने करीब दस जिलों के कलेक्टरों से वीसी में कहा-कि उन्हें पंचायत चुनाव कराने का अनुभव नहीं है, इसलिए उन्हें भी प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रेनिंग दी जाएगी।
मप्र में तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव 3 चरणों में कराने की तैयारी की है। पहले चरण में सात हजार 527, दूसरा चरण में 7,571 और तीसरे चरण में 8,814 पंचायतों के चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके साथ ही जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों के चुनाव होंगे। जिला और जनपद के चुनाव ईवीएम के माध्यम से होंगे, जबकि सरपंच और पंच का चुनाव मतपत्र के माध्यम से होगा। यह चुनाव एक जनवरी 2020 की वोटर लिस्ट के आधार पर कराया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टरों से कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण है। त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव कराने में अब कोई परेशानी नहीं है। हमारे स्तर पर तैयारी हो चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जिले के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों को चिन्हांकित कर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि रिटर्निंग एवं सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति करें। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों के नाम निर्देशन-पत्र जिला मुख्यालय, जनपद पंचायत सदस्यों के ब्लॉक मुख्यालय और सरपंच तथा पंच के ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन करवाएं। जो कमियां हों, तत्काल दूर करें। क्लस्टर का गठन 10-15 पंचायतों का समूह बनाकर किया जाएगा। सिंह ने कहा कि मार्च 2022 तक कार्यकाल पूरा करने वाली पंचायतों की जानकारी भी 3 दिन में भेजी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। मतदान केंद्र में बिजली आदि की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर ली जाए। मार्च 2022 तक पंचायतों में रिक्त होने वाले पदों की जानकारी भी देने के लिए कहा गया है। माना जा रहा है कि खंडवा संसदीय क्षेत्र सहित पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के बाद जिला पंचायत पद के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की घोषणा कर देगा। एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर चुनाव कराए जाएंगे।
बैठक में उपचुनाव वाले जिले खंडवा, खरगोन, देवास, बुरहानपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और सतना के कलेक्टर मौजूद नहीं थे।
फंड मिलने में हो रही दिक्कत
प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2020 में समाप्त हो गया था, लेकिन उस समय कोरोना की वजह से सरकार ने चुनाव नहीं कराएं और बाद में टलते चले गए। इसे डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया है। उधर, सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय 15वें वित्त आयोग ने त्रि-स्तरीय पंचायतों में जनप्रतिनिधि नहीं होने पर आपत्ति उठाते हुए कहा-यदि मप्र सरकार पंचायत चुनाव समय पर नहीं कराएगी, तो फंड मिलने में दिक्कत हो सकती है। इसके बाद राज्य सरकार पंचायत चुनाव कराने तैयार हुई है। बताया जाता है कि केंद्रीय वित्त आयोग से पंचायतों के लिए करीब 4 से 5 हजार करोड़ का फंड मिलता है।
सभी पंचायतों का होगा चुनाव
सिंह ने कहा कि प्रदेश की सभी जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और जिनका मार्च 2022 तक पूरा हो रहा है, का निर्वाचन करवाया जाएगा। मतदान तीन चरणों में होगा। सेक्टर और जोनल अधिकारी की नियुक्ति कर उन्हें निर्वाचन के दौरान विशेष कार्यपालिक दण्डाधिकारी शक्तियां देने का प्रस्ताव शीघ्र भेजें।