बिहाइंड द कर्टन/..और सांसद प्रज्ञा ठाकुर पहुंच गई केंद्रीय स्कूल

  • प्रणव बजाज
प्रज्ञा ठाकुर

..और सांसद प्रज्ञा ठाकुर पहुंच गई केंद्रीय स्कूल
सांसद प्रज्ञा ठाकुर हमेशा चर्चा में बनी रहती है। अधिकांश मामलों में वे अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती है , लेकिन यह पहला मौका है जब वे किसी समास्या के लिए बेहद संजिदा नजर आयीं। दरअसल केन्द्रिय विद्यालय में बीते लंबे समय से एक वर्ग विशेष के लोगों ने अवैध रूप से मस्जिद बनाने का क्रम बना रखा है। पहले यहां पर इक्का दुक्का लोग ही नमाज पड़ने आते थे , लेकिन अब तो हद यह हो गई कि वहां पर एक साथ सैकड़ों लोग आने लगे। इसकी वजह से स्कूल में न केवल पढ़ाई बाधित होने लगी , बल्कि असमाजिक तत्वों का भी खतरा पैदा हो गया। इसकी शिकायत मिलने पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर मौके पर पहुंच गई और न केवल स्कूल के प्राचर्य को आड़े हाथों लिया बल्कि थाना प्रभारी की क्लास लेने में भी पीछे नहीं रहीं। खास बात यह है कि इस मामले की कई शिकायतों के बाद भी भाजपा सरकार होने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है।

अगले साल नौ आईपीएस अफसर हो जाएंगे पूर्व
प्रदेश में अगले साल के पहले माह से आईपीएस अफसरों के सेवानिवृत्त होने का जो सिलसिला शुरू होगा वह वर्ष के अंतिम दिन तक तक जारी रहने वाला है।  इस बीच नौ अफसरों के सामने पूर्व लग जाएगा। इनमें आठ अफसर सीधी भर्ती के और एक अफसर राज्य पुलिस सेवा से पदोन्नत होकर आईपीएस बनने वाले शामिल होंगे। इनमें से दो अफसर फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। नए साल में जो अफसर सबसे पहले सेवानिवृत्त होंगे वे हैं जीजी पांडे। वे 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे। इसके बाद अरुणा मोहन राव 31 मार्च को , राजीव टंडन 31 मई को , उमेश षडंगी 31 जुलाई को, मिलिंद कानस्कर 31 अगस्त को, राजेन्द्र कुमार मिश्रा 31 अक्टूबर को, प्रमोद फलणीकर 31 अक्टूबर को , जीआर मीणा और वी मधुकुमार 31 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें से फलणीकर और षडंगी केन्द्र में पदस्थ हैं।

भ्रष्टाचारी अफसर पर जारी है मंडी बोर्ड की मेहरबानी  
प्रदेश का मंडी बोर्ड हो या कोई अन्य सरकारी महकमा सभी में घपले-घोटाले करने के आरोपियों के मामले में बेहद नरम रुख अपनाया जाता है। यही वजह है कि घोटालेबाजों के हौसले हमेशा बुलंद रहते हैं और ईमानदारों में निराशा का भाव बना रहता है। अब ताजा मामला मंडी बोर्ड का ही है। बोर्ड ने करोड़ों की धान खरीदी में  घोटाले के एक आरोपी अफसर अरविंद परिहार को हाल ही में बहाल कर डाला। यह बहाली तब की गई है जबकि उसके खिलाफ इसी मामले में फास्ट ट्रेक न्यायालय में मामला चल रहा है। यह अफसर बोर्ड में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। यह वे अफसर हैं जो पहले भी बनापुरा कृषि मंडी में पदस्थापना के समय रिश्वत लेते पकड़े जा चुके हैं। खास बात यह है कि इस घोटाले में अरविंद परिहार को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। वे 66 दिन जेल में रहने के बाद ही जमानत पर रिहा हो सके थे।

जब पूर्व मंत्री इमरती देवी को आ गया गुस्सा
श्रीमंत की सबसे बड़ी समर्थकों में शामिल पूर्व मंत्री इमरती देवी को पृथ्वीपुर उपचुनाव में प्रचार के दौरान गुस्सा आ गया। इसकी वजह भी श्रीमंत ही बने। दरअसल वे जब प्रचार के लिए आयीं, तो उनकी नजर वहां पार्टी के प्रचार के लिए लगाए गए बैनर और होर्डिंग्स पर पड़ गई, जिनमें न तो श्रीमंत की तस्वीर थी और न ही उनके नाम का उल्लेख फिर क्या था उन्हें गुस्सा आ गया। इसकी वजह से उनके द्वारा यहां तक कह दिया गया कि अगर उन्हें महराज की फोटो नहीं दिखे तो उनका खून सूख जाता है। इमरती देवी नाथ सरकार से मंत्री पद छोड़कर श्रीमंत के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं।  दरअसल इसकी वजह भी है। श्रीमंत की वजह से ही वे राजनीति में पर्श से अर्श तक पहुंची हैं। मजदूर पृष्ठभूमि के होने के बाद भी श्रीमंत की वजह से वे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक और मंत्री बन सकी हैं।

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