भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। एक अखिल भारतीय वन सेवा के अफसर को साथी महिला अफसर को उनके सरनेम के आगे मिसेज शब्द का प्रयोग करना भारी पड़ रहा है। इस मामले में महिला अफसर ने उनकी लैंगिक उत्पीड़न के तहत शिकायत कर दी हैं, जिसकी वजह से उनके खिलाफ जांच के लिए एक समिति बना दी गई है। खास बात यह है कि जांच समिति में शामिल आईएफएस महिला अधिकारी भी इस मामले में परेशान बनी हुई हें।
दरअसल वे यह पता नहीं कर पा रही हैं कि सरनेम के साथ मिसेज शब्द का प्रयाग करना लैंगिक श्रेणी में आता है या नहीं। समिति में शामिल अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वय श्रीमती रेनू सिंह और श्रीमती अर्चना शुक्ला एक महीने से इसके लिए पड़ताल कर रही है। उधर, इस शिकायत के बाद से मुख्य वन संरक्षक शहडोल प्रभात कुमार वर्मा भी जांच होने से परेशान बने हुए हैैं। फिलहाल सभी की नजर इस जांच समिति के निष्कर्ष पर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि 2016 बैच की महिला आईएफएस अफसर नेहा श्रीवास्तव ने इसी साल जुलाई में वन बल प्रमुख आरके गुप्ता को पत्र लिखकर 2001 बैच के प्रमोटी आईएफएस आॅफिसर एवं मुख्य वन संरक्षक शहडोल प्रभात कुमार वर्मा पर लैंगिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि सीसीएफ शहडोल वर्मा बैठकों में उन्हें मिसेज गुप्ता संबोधित कर नीचा दिखाने के प्रयास करते है। दरअसल नेहा श्रीवास्तव ने अपने ही बैच के आईएफएस आधार गुप्ता से विवाह किया है। यही वजह है कि वर्मा द्वारा उन्हें मिसेज गुप्ता के नाम से संबोधित किया जाता रहा है। इस शिकायत के बाद ही वन बल प्रमुख गुप्ता ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह की अध्यक्षता में 2 सदस्य कमेटी गठित कर जांच को जिम्मा सौंपा है। इस कमेटी में रेनू सिंह के अलावा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अर्चना शुक्ला भी शामिल है।
निलंबित डीएफओ के बयान का इंतजार
निलंबित डीएफओ देवांशु शेखर का नेहा ने बतौर गवाह नाम दिया है। उनके बयान न हो पाने की वजह से जांच अटकी हुई है। इस मामले में जांच कमेटी ने सीसीएफ के बयानों के आधार पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक भागवत सिंह के भी बयान लिए हैं। यह दोनों अधिकारी शहडोल दौरे पर गए थे। तब भी अधर गुप्ता और नेहा श्रीवास्तव कार्य के प्रति लापरवाही और गंभीरता दिखाई गई थी।
विवादास्पद कार्यशैली है नेहा और उनके पति की
2001 बैच के आईएफएस नेहा श्रीवास्तव और उनके पति आधार गुप्ता की कार्यशैली हमेशा से ही विवादों में रही है। उनकी जब पहली डीएफओ के रूप में पदस्थापना दक्षिण शहडोल और उत्तर शहडोल एवं अनूपपुर में रही, तब आधार गुप्ता के खिलाफ तो शहडोल संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल को पत्र लिखकर मनमर्जी से काम करने सहित कई गंभीर किस्म की शिकायतें की थीं। शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा के पत्र के बाद ही पति-पत्नी आधार गुप्ता और नेहा श्रीवास्तव का तबादला शहडोल से बाहर कर दिया गया था। फिलहाल आधार गुप्ता पेंच नेशनल पार्क में डिप्टी डायरेक्टर है तो उनकी पत्नी नेहा बालाघाट उत्पादन डिवीजन में पदस्थ है। गौरतलब है कि नेहा द्वारा सीसीएफ शहडोल वर्मा के खिलाफ तब शिकायत की गई है, जब वर्मा द्वारा पति-पत्नी की कई शिकायतें दस्तावेज सहित पीसीसीएफ मुख्यालय को भेजी गई हैं। इस मामले में सीसीएफ शहडोल द्वारा दोनों अफसर दंपत्ति को आरोप पत्र भी जारी किए जा चुके हैं।
21/10/2021
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