
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। दो दशक में पहली बार है जब कांग्रेस अपने विधायकों की संख्या बल के तौर पर मजबूत विपक्षी दल बनकर उभरी है, लेकिन करीब डेढ़ साल में वह एक भी ऐसा आंदोलन नहीं खड़ा कर सकी है, जिससे की आमजन को मजबूत विपक्ष का अहसास हो सके।
हद तो यह हो गई है कि जब प्रदेश में एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं तब किसान खाद के बड़े सकंट का सामना कर रहा है । इसके बाद भी कांग्रेस उनकी आवाज नहीं बन पा रही है। हालात यह है कि किसानों की दम पर बीते आम चुनाव में प्रदेश की सत्ता में डेढ़ दशक बाद वापसी करने वाली कांग्रेस ने पार्टी द्वारा संचालित कॉल सेंन्टर तक को अघोषित रुप से बंद कर दिया है। कांग्रेस की हालत इससे ही समझी जा सकती है कि इस समय चल रही फसल बुवाई के मौके पर प्रदेश के किसान खाद की कमी से बेहद परेशान हैं, इसके बाद भी कांग्रेस किसानों के समर्थन में मैदानी मोर्चा खोलने की जगह सिर्फ सोशल मीडिया पर ही किसानों को लेकर सक्रिय नजर आ रही है। हालत यह है कि कांग्रेस ने रबी फसल की कटाई के समय प्रदेश कार्यालय में किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए अप्रैल में राज्य स्तरीय किसान कॉल सेंटर शुरू किया था। कांग्रेस ने कहा था कि प्रदेश के किसान कॉल सेंटर में दूरभाष क्रमांक 0755-4248166 पर फोन कर अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं, यही नहीं तब कहा गया था कि किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए पार्टी सरकार पर दबाव भी बनाएगी।
अब हालात यह बने हुए हैं कि इस किसान कॉल सेंटर में दर्ज समस्याओं का क्या हुआ, उनके निराकरण के लिए कांग्रेस ने क्या प्रयास किया, सेंटर कब बंद कर दिया गया, किसी को भी कुछ पता नहीं है। उल्लेखनीय है कि मार्च में किसानों को कृषि मंडियों में गेहूं, सरसों का उचित दाम नहीं मिल रहा था। सरकार गेहूं, चना, मसूर और सरसों का उपार्जन लगातार टाल रही थी, तब कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए 1 अप्रैल से कॉल सेंटर शुरू करने का फैसला किया था। इसके बाद इसका शुभारंभ भी बड़े ही जोर शोर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पीसीसी में किया था। उस समय उनके द्वारा दावा किया गया था कि वे स्वयं भी इस कॉल सेंटर की समय-समय पर न केवल निगरानी करेंगे, बल्कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास करेंगे। एक टीम किसानों की समस्या के लिए सदैव उपलब्ध रहेगी।
इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों द्वारा शिकायतें भी दर्ज कराई थीं। अधिकतर शिकायतें अनाज के उपार्जन, कर्ज माफी नहीं किए जाने, मंडियों में अनाज का उचित दाम नहीं मिलने से संबंधित थीं, लेकिन उनके निराकरण को लेकर कांग्रेस ने गंभीरता से प्रयास नहीं किए। इस मामले में किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गुर्जर का कहना है कि हमने किसानों की समस्याओं के निराकरण के उद्देश्य से कॉल सेंटर शुरू किया था। उस समय जितने भी किसानों की शिकायतें आईं, उनके निराकरण के प्रयास किए हैं। उनकी समस्याओं से पीसीसी चीफ को भी अवगत कराया गया था। फिर कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कॉल सेंटर बंद कर दिया गया था।