
- अब पांच की जगह छह दिन होगा कामकाज
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। देश-प्रदेश में कोरोना महामारी के नियंत्रण में आने के बाद अब मप्र के सरकारी दफ्तर 1 नवंबर से फुल टाइम खुलेंगे। इसके लिए शासन और प्रशासन स्तर पर मंथन चल रहा है। इस संदर्भ में जल्द ही आदेश जारी किए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद 8 अप्रैल को सरकारी दफ्तर सप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) खोलने का आदेश जारी किया था। यह आदेश 31 जुलाई तक के लिए था। तब राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति भी सीमित कर दी थी। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जुलाई में सप्ताह में पांच दिन खोले जाने की अवधि 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी। चूंकि अब प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है और पॉजिटिव केस न के बराबर हो गए हैं, इसलिए प्रदेश भर में स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं। अब शासन स्तर पर सरकारी कार्यालय भी सप्ताह में छह दिन खोलने पर सहमति बन गई है, जल्द ही इस बारे में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
सरकारी कामकाज हो रहा प्रभावित
सरकारी दफ्तरों में फाइव डेज वीक के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है। सरकार ने फाइव डेज वीक के दौरान कार्यालयों का समय भी एक घंटा बढ़ा दिया है। कार्यालय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खोले जा रहे हैं, लेकिन कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं। वे पहले की तरह सुबह 11 बजे तक दफ्तर पहुंचते हैं और पांच बजते ही दफ्तर से घर के लिए रवानगी डाल देते हैं। हर शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद होने से कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। यही वजह है कि सरकार ने पूर्व की तरह सप्ताह में छह दिन कार्यालय खोलने की तैयारी कर ली है। सामान्य दिनों में सरकारी कार्यालय खुलने का समय सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक रहता है और हर दूसरे और तीसरे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि पूर्व की तरह सप्ताह में छह दिन कार्यालय खोलने के बारे में अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
फाइव डेज वीक की व्यवस्था रास आ रही कर्मचारियों को
मंत्रालयीन सूत्रों के अनुसार अधिकतर सरकारी कर्मचारी फाइव डेज वीक की व्यवस्था से खुश हैं। वे नहीं चाहते कि सरकारी कार्यालय पूर्व की तरह सप्ताह में छह दिन खोले जाएं। कर्मचारियों का कहना है कि पांच दिन कार्यालय खुलने से उन्हें सप्ताह में दो दिन का अवकाश मिल जाता है, जिससे वे पूरी तरह से रिलेक्स हो जाते हैं और पांच दिन पूरी ऊर्जा से काम करते हैं। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि कई राज्यों में पहले से ही सरकारी कार्यालय सप्ताह में पांच दिन खोले जा रहे हैं। इससे कई तरह के फायदे हैं। दफ्तरों में बिजली, पानी की बचत होती है। ईधन की बचत हो रही है। प्रदेश में वैसे भी हर दूसरे व तीसरे शनिवार को अवकाश रहता है। सरकार ने फाइव डेज वीक के दौरान कार्यालयों का समय एक घंटे बढ़ाया है, उसको लेकर सख्ती की जाए। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि सरकारी कार्यालय सप्ताह में पांच दिन खोलना है या छह दिन इसका फैसला सरकार को करना है।