मप्र में लागू होगी मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना

बाल आरोग्य संवर्धन योजना
  • कुपोषण मुक्त मप्र बनाने की कवायद… 3 हजार करोड़ का प्लान …

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। 
    मप्र से कुपोषण का कलंक मिटाने के लिए सरकार अब मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना लागू करने जा रही है। यह योजना समेकित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम का स्थान लेगी। उधर विभाग ने समेकित बाल विकास परियोजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार को तीन हजार करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट पेश किया है जिसे सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। इसमें राज्य सरकार का भी अलग-अलग अंश होगा।
    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर हाल में प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाना चाहते हैं। इसके लिए जहां पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व सहायता समूहों को सौंपा जा रहा है, वहीं मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह और संचालक डॉ. राम राव भोसले ने 10 अक्टूबर को दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार को आईसीडीएस के अंतर्गत प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बताया गया कि प्रदेश के सभी 313 ब्लॉक में कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कुपोषित से सुपोषित बनाने के लिए नया प्लान भी बताया गया।
    मप्र के अभियान को केंद्र ने सराहा
    विभाग के केंद्रीय सचिव इंदीवर पांडेय ने मप्र के प्रजेंटेशन देखने के दौरान प्रदेश में किए जा रहे कार्यों का प्रशंसा की और राज्य के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति भी दे दी। वर्ष 2020-21 के प्रस्तुत प्लान में बताया गया कि आईसीडीएस के तहत कुल राशि 3086.81 करोड़ की जरूरत होगी। इसमें केंद्र सरकार का शेयर 1590.12 करोड़ और राज्य का अंश 1496.69 करोड़ होगा।
    सुपोषण पर जोर
    महिला एवं बाल विकास के संचालक डॉ.राम राव भोसले का कहना है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को प्रदेश की ओर से वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की है। कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाने पर फोकस है। तीन हजार करोड़ से अधिक का प्लान दिया है। इसमें राज्य का भी अलग-अलग अंश रहेगा। मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना प्रभावी करेंगे। विभाग आंगनबाड़ी केन्द्रों में अब मोटा अनाज जैसे बाजरा, रागी, कोदो कुटकी आदि उपलब्ध कराएगा। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर को दी गई एक पुस्तक को नीति आयोग के पोर्टल में डालने कहा गया है।

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