मंत्री व अफसरों के साथ समाजसेवी भी पर्यावरणीय रणनीति करेंगे तैयार

पर्यावरणीय रणनीति

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। देश का हृदय प्रदेश मप्र भले ही हरियाली से भरपूर है, लेकिन यहां के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। ऐसे में पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए पर्यावरण विभाग ने राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद का गठन किया है। प्रदेश के पर्यावरण की सेहत सुधारने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने पर्यावरण मंत्री और एक दर्जन अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों को रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
जानकारी के अनुसार मंत्री, अफसरों की गठित विशेष टीम प्रदेश के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु नवीन परियोजनाओं के निर्माण हेतु रणनीतिक सुझाव देगी। राज्य सरकार का मार्गदर्शन करेगी, परामर्श देगी और नवाचारों को प्रोत्साहित करने की नीति तैयार कराएगी। राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद में पर्यावरण मंत्री अध्यक्ष होंगे। पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इसके उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय  संगठन एप्को के महानिदेशक, वन, स्वास्थ्य, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि, उच्च शिक्षा, नगरीय विकास एवं आवास, स्कूल शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, योजना आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव इस परिषद के सदस्य होंगे।  इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा केन्द्रीय सरकार के पर्यावरण मामले देखने वाले अधिवक्ता ओम शंकर श्रीवास्तव, शिव गंगा अभियान झाबुआ के महेश शर्मा, सेवानिवृत्त पीसीसीएफ रमेश दवे, पीएआईआरवीआई के डायरेक्टर अजय के झा, सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी आईआईटी दिल्ली के डॉ विवेक कुमार, सेंटर फार पॉलिसी स्टडी के डायरेक्टर डॉ जेके बजाज भी इस परिषद के सदस्य होंगे। एप्को के कार्यपालन संचालक इसके सदस्य सचिव होंगे।  
समिति निरंतर करेगी समीक्षा
पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं प्राकृतिक संपदा के संवहनीय उपयोग से संबंधित किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा भी यह समिति करेगी। विभिन्न विभागों द्वारा पर्यावरण से संबंधित सतत विकास लक्ष्य एसडीजी और टारगेट के संबंध में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा भी यह पूरी टीम करेगी। इस राज्य स्तरीय पर्यावरण परिषद की बैठक साल में कम से कम एक बार होगी और समय-समय पर होने वाली बैठकों का संचालन, पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को द्वारा किया जाएगा।

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