बिहाइंड द कर्टन/अब उपचुनाव ने बढ़ाया इंतजार

  • प्रणव बजाज
 उपचुनाव

अब उपचुनाव ने बढ़ाया इंतजार
मप्र के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से महंगाई भत्ते का तो पूर्व कर्मचारी महंगाई राहत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। कई सालों के इंतजार के बाद भी उन्हें इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। अब मिलने के आसार बने भी तो उपचुनाव ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। इसके बाद से माना जा रहा है कि अब सरकार उपचुनाव के बाद ही इसे दे पाएगी। दरअसल पहले इसे दीपावली पर मिलने की उम्मीद बनती दिख रही थी। उपचुनावी आचार संहिता प्रभावी होने की वजह से भले ही सरकार को इस मामले में कुछ दिनों की मोहलत मिल गई हो , लेकिन सरकारी अमले में निराशा हो गई है। दरअसल चुनावी आचार संहिता की वजह से सरकार इस तरह को कोई कदम चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं कर सकती है। सरकार ने भी अभी तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को महंगाई भत्ता व राहत में वृद्धि करने संबंधी प्रस्ताव नहीं भेजा है। खास बात यह है कि प्रदेश के सरकारी अमले को अभी केंद्र की तुलना में 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता कम मिल रहा है।

मां – बेटे में ही उलझा कांग्रेस अध्यक्ष का पद
प्रदेश में कांग्रेस नेताओं द्वारा किए जा रहे लगातार हमले के बाद अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी जवाबी हमला करना शुरू कर दिया है। उनके द्वारा अब सीधे कांग्रेस हाईकमान पर हमला किया गया है। उनका कहना है कि कांग्रेस का नेतृत्व केवल एक परिवार तक सीमित हो कर रह गया है। कांग्रेस के हाल ऐसे हो गए हैं कि अपना  राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए कोई नेता नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है कि पार्टी अध्यक्ष कभी मां बनती हैं, तो कभी बेटा। यही स्थिति प्रदेश कांग्रेस की भी हो गई है, यहां भी कांग्रेस परिवार तक सीमित है। शर्मा ने यही नहीं आदिवासी समाज को लेकर भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा है कि कांग्रेस के लिए आदिवासी हमेशा से वोट बैंक रहे हैं, इसीलिए कांग्रेस ने उनका कभी भला नहीं किया, लेकिन भाजपा उन्हें ऐसा नहीं मानती है। उनका जीवन स्तर उठाने का काम कर रही है। पीएम मोदी और सीएम चौहान ने गरीबों के जीवन को बदलने का काम किया है। दोनों नेताओं ने गरीबों के जीवन स्तर को न केवल उठाया है, बल्कि इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं।

सांसद प्रज्ञा का दिग्विजय पर हमला
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के ऐसे बड़े नेता हैं, जो हमेशा से ही भाजपा, संघ और हिन्दुवादी नेताओं के निशाने पर रहते हैं। दरअसल उन्हें मुस्लिम परस्त नेता के रुप में जाना जाता है। दिग्विजय मामले में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अधिक ही मुखर रहती हैं। बीते रोज भी रावण दहन के मौके पर साध्वी ने दिग्विजय पर हमला बोलने का मौका नहीं छोड़ा। इस दौरान उन्होंने अप्रत्यक्ष रुप से हमला करते हुए कहा कि नर्मदा परिक्रमा करने से पाप नहीं धुल जाते। मेरे खिलाफ चुनाव लड़ चुके नेताजी स्वयं को नर्मदा पुत्र कहते हैं लेकिन नर्मदा परिक्रमा करने से पाप नहीं धुलते। सांसद ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कुछ लोगों ने कोविड के दौरान उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी छपवाए। वह बोलीं कि उत्तर के विधायक लंबे समय से गायब हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो पोस्टर नहीं छपवाए। उनके इतना कहते ही मंच पर मौजूद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा नाराज हो गए और कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए। दरअसल शर्मा को दिग्विजय का कट्टर समर्थक माना जाता है।

भूपेन्द्र सिंह ने याद दिलाया कांग्रेस का प्ररारब्ध
किसानों के मामले में कांग्रेस द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों पर अब भाजपा द्वारा उसका प्ररारब्ध याद दिलाया जाना शुरू कर दिया गया है। इस मामले में भाजपा की ओर से मोर्चा सम्हाला है वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने। उन्होंने किसानों को लेकर कांग्रेस द्वारा की जा रही बयानबाजी और आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को याद दिलाया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब खाद के लिए गोलियां चलती थीं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पैदा हुई परिस्थितियों में कारखाने बंद थे, लिहाजा खाद का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसके बाद भी अब खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, किसी तरह की दिक्कत नहीं है। सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार के समय हुए मुलताई गोलीकांड का उदाहरण देते हुए कहा कि एमपी में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब खाद को लेकर गोलियां चलती थीं। सिंह ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की सरकार है। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का काम भाजपा सरकार ने किया है।

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