भूपेंद्र हैं तो…जीत का भरोसा है

भूपेंद्र सिंह
  • नगरीय प्रशासन मंत्री ने मनवाया अपने चुनाव प्रबंधन को लोहा

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में खंडवा लोकसभा के साथ पृथ्वीपुर,   जोबट और रैगांव विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा मैदानी मोर्चे पर कांग्रेस से काफी आगे है। चुनावी क्षेत्र में हर वर्ग और हर मतदाता को साधने के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम हो रहा है। इसके पीछे  प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का मैनेजमेंट है। दरअसल पार्टी ने इन उपचुनावों में भूपेंद्र सिंह को चुनाव प्रबंधन की बागडोर सौंपी है।
    गौरतलब है कि नवंबर 2020 में प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भूपेंद्र सिंह ने 19 सीटें भाजपा को जीतवाकर अपने चुनाव प्रबंधन का लोहा मनवाया है। हालांकि दमोह उपचुनाव में भी चुनाव प्रबंधन उनके हाथ में था, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन भाजपा आलाकमान को विश्वास है कि इस बार के उपचुनाव में एक बार फिर भूपेंद्र का जादू चलेगा।
    बूथवार मॉनिटरिंग की व्यवस्था
    खंडवा लोकसभा क्षेत्र सहित तीन विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में चुनाव प्रबंधन की बागडोर संभालते ही सिंह ने पार्टी कार्यालय में अलग-अलग क्षेत्रों के चुनाव कक्ष तैयार करवाए हैं, जिसमें बूथवार मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। चुनाव कार्यालय से ही मतदाताओं से बातचीत करने के लिए कॉल सेंटर भी शुरू किए गए हैं। सिंह और उनकी टीम यही से बैठकर पूरे चुनाव पर नजर रखे हुए हैं ।
    दवे और लुणावत की भरपाई
    भाजपा में भूपेंद्र सिंह को अनिल माधव दवे और विजेश लुणावत के विकल्प के रूप देखा जा रहा है। इन दोनों नेताओं के आकस्मिक निधन के बाद पार्टी में चुनाव मैनेजमेंट विशेषज्ञ की कमी महसूस की जा रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनिल दवे के विकल्प के रूप में भूपेन्द्र सिंह को आगे किया है। पिछले 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मिली सफलता के बाद भूपेन्द्र सिंह को दमोह उपचुनाव का प्रभारी बनाया गया। दमोह में बेशक सफलता नहीं मिली लेकिन सत्ता और संगठन का भूपेन्द्र पर विश्वास बरकरार है। मौजूदा 3 विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव का प्रबंधन भी भूपेन्द्र सिंह को सौंपा गया है।
    प्रतिदिन चुनाव अभियान समिति की बैठक
    इन उपचुनावों को भाजपा युद्ध की तरह लड़ रही है। इसके लिए भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति में पुराने नेताओं की मौजूदगी में बड़ी टीम तैनात की है। भूपेंद्र सिंह प्रतिदिन चुनाव अभियान समिति की बैठक ले रहे हैं। नियमित बैठकों का यह सिलसिला लगातार 30 अक्टूबर तक चलेगा। प्रदेश कार्यालय में सुबह से लेकर देर रात तक चुनाव मैनेजमेंट का काम चल रहा है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र की आठ सीटों सहित सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के साथ ही मोर्चों के प्रभारी भी बनाए गए हैं। जिनकी सक्रियता की रोजाना मॉनिटरिंग हो रही है।
    सधी रणनीति पर सक्रिय भाजपा
    उपचुनाव की कमान मिलते ही सिंह ने हर चुनावी क्षेत्र के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार की। क्षेत्र की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। सिंह की सधी रणनीति पर काम करते हुए भाजपा चुनावी मैदान में कांग्रेस से कहीं आगे दिख रही है। किस नेता ने अपने क्षेत्र में क्या-क्या किया इसकी पूरी रिपोर्ट मुख्यालय पहुंच रही है, जिसके आधार पर अगले दिन की रणनीति बनाई जाती है।
    19 सीट जीताने वाले भूपेंद्र की रणनीति पर आलाकमान को विश्वास
    भूपेंद्र सिंह की रणनीति का ही हिस्सा है कि आज नवरात्रि की नवमी पर भाजपा प्रदेशभर में 40 लाख कन्याओं का पूजन कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन 40 लाख लाड़ली लक्ष्मियों से संवाद कर रहे हैं। वहीं 15 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन खंडवा लोकसभा की सभी विधानसभाओं में भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी का ध्वज फहराकर उपचुनाव में जीत का संकल्प लेंगे। विजयदशमी के दिन होने वाले कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह समेत कई और बड़े नेता शामिल होंगे। भाजपा के ये सभी नेता कार्यकतार्ओं के साथ कन्या पूजन कर उन्हें उपचुनाव में जीत का संकल्प दिलाएंगे।
    एक-एक वोटर की जानकारी मंगाई
    भूपेंद्र सिंह की चुनावी रणनीति का ही प्रतिफल है की उपचुनाव वाले क्षेत्रों के एक-एक वोटर की जानकारी एकत्र की गई है। प्रभारियों को निर्देशित किया गया था कि  प्रत्येक मंडल में बूथ स्तर तक की जानकारी एकत्रित करें। इसमें जाति, वर्ग, समाज, महिला पुरुष, आयु वर्ग, कामकाजी मतदाता, जिम, भजन मंडलियों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों, धार्मिक स्थलों के अलावा विभिन्न कारोबारी समूहों तक का रिकॉर्ड एकत्रित किया गया है। प्रभारियों के माध्यम से पूरा रिकॉर्ड हाथ में आते ही चुनाव क्षेत्रों में इन समूहों के सम्मेलन शुरू कर दिए गए हैं। ताकि कम समय में पार्टी अधिक से अधिक लोगों के बीच अपनी बात पहुंचा सके।

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