भाजपा कार्यसमिति में चंबल का बोलबाला

भाजपा कार्यसमिति

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र का ग्वालियर -चंबल अंचल इन दिनों मध्यप्रदेश की शिव सरकार के साथ ही अब पार्टी के केंद्रीय संगठन में भी दबदबे वाला साबित हो चुका है। इस अंचल के नेताओं को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अत्याधिक महत्व दिया गया है। इसकी बड़ी वजह इस अंचल में ज्योतिरादित्य का साथ मिलने के बाद पार्टी में बदले हुए समीकरणों को साधने के रुप में देख जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री मंडल से लेकर अब कार्यसमिति तक में इस इलाके की तूती बोल रही है। हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा की गई है। इसमें ग्वालियर चंबल अंचल से हाल ही में केन्द्रीय मंत्री बनाए गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो लिया ही गया है साथ ही केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अलावा भिंड सांसद संध्या राय को भी जगह दी गई है।
इस सूची में शामिल नामों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती हैं, बल्कि कई अन्य नाम भी इसमें शामिल हैं। हालांकि पूर्व में माना जा रहा था कि प्रदेश के उन अंचलों को इसमें प्राथमिकता से मौका मिलेगा, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य के अलावा के केन्द्र सरकार में कम है। इसकी वजह जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को बताया जा रहा था। सूची में इसी अंचल से आने वाले भाजपा नेता और मप्र के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को भी शामिल किया गया है। सिंधिया को पहले केंद्रीय मंत्री और उनके समर्थक विधायकों को मूल भाजपा विधायकों की तुलना में प्रदेश में मंत्री बनाए जाने की वजह कमलनाथ सरकार को सत्ता से बाहर कराकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने के इनाम के रूप में देखा जा रहा है। मुरैना के सांसद और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को तो राष्ट्रीय कार्यसमिति में लिया जाना पहले से ही तय था लेकिन भिण्ड की सांसद संध्या राय को भी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाना सभी को चौंकाने वाला रहा है। हालांकि इसे प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव से पहले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। खास बात तो यह है कि टीम नड्डा में ग्वालियर के ही एक अन्य नेता जयभान सिंह पवैया को भी शामिल किया गया है। वे पहले ग्वालियर से सांसद, प्रदेश सरकार में मंत्री और बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि उन्हें टीम नड्डा में रखने की वजह है महाराष्ट्र का संगठन सह प्रभारी होना। अगर इस मामले में प्रदेश के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के प्रतिनिधित्व का आंकलन यदि उनके गृह जिले मुरैना से जोड़कर किया जाए तो समग्र प्रतिनिधित्व के मामले में ग्वालियर-चंबल अंचल प्रदेश में पहले नबंर है। इसकी वजह है प्रदेश के अन्य अंचलों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस कदर महत्व न मिलना। दरअसल यही वो अंचल है जिसमें उपचुनावों में भाजपा को बेहतर सफलता मिलने की वजह से प्रदेश में भाजपा की सरकार को स्थिरता मिली है। वैसे भी बीते चुनाव में इसी अंचल में मिली असफलता की वजह से भाजपा को लगतार चौथी बार सरकार बनाने से वंचित होना पड़ा था।
ग्वालियर के खाते में ही आता है उपाध्यक्ष का पद
यह पहली बार नही है जब ग्वालियर के खाते में पार्टी के राष्ट्रीय उपध्यक्ष का पद आया हो। इसके पहले भी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ग्वालियर को शुरू से ही महत्व मिलता रहा है। पार्टी का गठन होने के साथ ही 1980 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया को पहली बार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद से लगातार कोई न कोई नेता इस पद पर रहता आया है। बीती कार्यसमिति की बात की जाए तो ग्वालियर के भाजपा नेता प्रभात झा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। अब नड्डा की टीम में राजमाता के उत्तराधिकारी के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह दी गई है। खास बात यह है कि इस बार की टीम से प्रभात झा को जरुर बाहर कर दिया गया है।

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