- प्रणव बजाज

आईजी का ईलू-ईलू करने वाला ऑडियो वायरल
महाकौशल इलाके में पदस्थ एक पुलिस के आईजी स्तर के अफसर का आडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। इसमें वे अपने ही मातहत आरक्षक की पत्नी से ईलू-ईलू की बातें कर रहे हैं। इस ऑडियो में आईजी उससे कह रहे हैं कि उनके द्वारा भी फोटो डिलीट कर दी गई हैं, वह भी डिलीट कर दें। इसमें वे कह रहे हैं कि वे तो चिराग हैं, अभी जो रोशनी उनके द्वारा दी जा रही है, वह उन्हें आगे भी मिलती रहेगी। इसलिए वे कोई टेंशन नहीं लें। इस बीच वे अपना पर्सनल मोबाइल का नंबर भी महिला को बताते हैं और कहते हैं कि इसे वे किसी और नाम से सेव कर लें, जो उन्हें याद रहे। इस दौरान आरक्षक की पत्नी उनसे पति के तबादले का भी यह कहते हुए आग्रह करती है कि उसका ससुराल पास में होने से उसे परेशानी हो रही है। इस बीच आरक्षक की पत्नी भरोसा दिलाती है कि कभी कुछ हो भी जाए तो वह उसकी ओर से बेफिक्र रहें, हम आपका विश्वास टूटने नहीं देगें। बता दें कि इन पुलिस अफसर का लंबे समय से उक्त महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा है। इसकी वजह से महिला के आरक्षक पति का भी थाने में जलवा बना हुआ है।
पेन ड्राइव बना एनएचएम का दफ्तर
कोरोना संकट के समय जिस सरकारी महकमे पर सर्वाधिक जिम्मेदारी थी, वह है स्वास्थ्य विभाग। इस विभाग के तहत आने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मुख्यालय का इसमें बेहद अहम रोल रहा है। इस बीच इस संस्थान की कमान संभालने वाली प्रबंध संचालक छवि भारद्वाज को कोरोना से मुक्ति मिली तो उनके द्वारा इस कार्यालय को ई-दफ्तर में बदल दिया गया है। इसकी वजह से अब यह दफ्तर पूरी तरह से पेन ड्राइव बन गया है। इसकी वजह से अब संस्थान के काम में न केवल गति आ गई है , बल्कि हर अधिकारी के पास रिकार्ड भी रहता है कि कौन सी फाइल किस टेबल पर कितने दिन रही और या कितने समय तक रोकी गई। इस व्यवस्था की वजह से अब बड़ी मात्रा में कागज भी बच रहा है। अब नए मॉडल में प्रत्येक फाइल का मूवमेंट स्क्रीन पर रहता है और ऊपर से नीचे तक सभी को पता रहता है कि फाइल कहां है और उस पर कौन सा अधिकारी काम कर रहा है या नहीं। फाइल की हर मूवमेंट की जानकारी कंप्यूटर में दर्ज हो जाती है। इससे फाइल जल्दी चल रही है एक क्लिक पर ही दूसरे अधिकारी या कर्मचारी के पास पहुंच रही है।
पचमढ़ी में पर्यटकों को बंदरों से मुक्ति दिलाने की पहल
मप्र के लॉट साहब यानि की राज्यपाल मंगू भाई पटेल पूर्व राजनेता हैं। वे पचमढ़ी गए तो उन्हें पर्यटकों को बंदरों की वजह से होने वाली परेशानी का पता चला। दरअसल पचमढ़ी में बंदर बहुतायत संख्या में है। यह बंदर मौका मिलते ही या तो पर्यटकों का सामान ले उड़ते हैं या फिर उन्हें तरह -तरह से परेशान कर देते हैं। इसके बाद राज्यपाल द्वारा साथ में मौजूद प्रशासनिक अफसरों के सामने नाराजगी जताते हुए उनके द्वारा आदेश दिया गया है कि जिस तरह से गुजरात में नीलगाय हैं। उसी -तरह से पचमढ़ी में बंदर बहुत अधिक हैं, जिसके कारण आम लोग और पर्यटक सुरक्षित नहीं हैं। पर्यटक और आम लोगों की सुरक्षा के लिए बंदरों का गुजरात की तर्ज पर इंतजाम होना चाहिए। महामहिम ने पचमढ़ी प्रवास के दौरान पाताल पानी के तितली गार्डन को देखा और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा निर्माण राजेंद्र गिरी पार्क पर पहुंच कर पौधारोपण किया। यही नहीं राज्यपाल ने बड़ा महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना भी की।
पूर्व स्पीकर को आजीवन मंत्री सुविधाएं देने की तैयारी
कहने को तो लोग राजनीति में जनसेवा के लिए आते हैं, लेकिन एक बार राजनेता बनते हैं तो वे जनसेवा की जगह खुद की सेवा में लग जाते हैं। नियम व कानून बनाने का जिम्मा भी उनके पास होता है, सो वे उनमें ऐसा प्रावधान करने से पीछे नहीं रहते हैं कि जिससे उन्हें पद पर न रहते हुए भी जीवन भर मंत्री पद के समान सुविधाएं मिलती रहें। पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए तो इस तरह के प्रावधान पहले से ही हैं, अब इसमें नया नाम पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति में प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। इस पर फैसले के लिए जल्द ही बैठक बुलाई जानी है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय की ओर से सरकार को प्रस्ताव भी भेजने की कवायद की जा रही है। इसके बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की तरह ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल जाएगा। जिसके तहत उन्हें सुसज्जित नि:शुल्क आवास सहित निजी कार्यालय के लिए अमला और सरकारी वाहन के अलावा कई अन्य तरह की सुविधाएं आजीवन मिलती रहेंगीं।