भोपाल बनेगा मध्यप्रदेश का नया इंडस्ट्रीयल हब

इंडस्ट्रीयल हब
  • बाबई, अचारपुरा, जमुनिया खेजड़ा और बुदनी को बनाया जा रहा औद्योगिक केंद्र

    भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम।
    कोरोना संक्रमण के बावजूद मप्र में औद्योगिक निवेश तेजी से बढ़ा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि भोपाल के आसपास नया इंडस्ट्रीयल हब तैयार किया जा रहा है। राजधानी के आसपास मंडीदीप की तरह कई औद्योगिक केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भोपाल के अंतर्गत बाबई, अचारपुरा, जमुनिया खेजड़ा और बुदनी को औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जमुनिया खेजड़ा में मंडीदीप की तरह नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जा रहा है।  
    गौरतलब है कि प्रदेश में औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं। पिछले एक साल में यहां कई बड़ी कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। प्रदेश में टेक्सटाइल्स हब बनाने की तैयारी है। इससे प्रदेश में 20 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे। परमाणु अनुसंधान केंद्र भी निर्माणाधीन है। इंदौर के साथ भोपाल को प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाया जा रहा है। इससे इंदौर-भोपाल, प्रदेश का प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भोपाल के अंतर्गत बाबई, अचारपुरा, जमुनिया खेजड़ा और बुदनी को औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जमुनिया खेजड़ा में अविकसित भूमि पर उद्योगों की स्थापना के लिए 4 इकाइयों को 42.22 हेक्टेयर भूमि आवंटित भी कर दी गई है।
    भोपाल के आसपास औद्योगिक विकास की संभावनाएं
    राजधानी के आसपास औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसकी वजह यह है कि भोपाल के आसपास घने जंगल हैं। बड़ी झील है। इसलिए औद्योगिक संभावनाएं हैं। ऐसे में नरसिंहगढ़, बैरसिया, मंडीदीप, जमुनिया खेजड़ा को विकसित करके औद्योगिक चेन बनाई जा रही है।
    टेक्सटाइल्स हब पर फोकस
    वर्तमान समय में सरकार का फोकस प्रदेश को टेक्सटाइल्स हब बनाने पर है। इसकी वजह यह भी है कि टेक्सटाइल्स क्षेत्र में महिलाओं का नियोजन होता है। जिस तरह गोकुलदास कपंनी सौ करोड़ का निवेश करने जा रही है। इसमें चार हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। केन्द्र सरकार नई टेक्सटाइल्स स्कीम के तहत
    राज्य में टेक्सटाइल्स हब बनाने के लिए बिड जारी करने जा रही है। इस प्रतियोगिता में मप्र शामिल होगा। चूंकि प्रदेश में गोकुलदास के बाद अरविंद शाही, इंदोरमा और वर्धमान बड़े निवेश करने की तैयारी में है। बुदनी में ट्राइडेंट बड़े स्तर पर अपनी इकाई का विस्तार करने जा रही है।
    बड़ी कंपनियों ने किया निवेश
    प्रदेश में टेक्सटाइल्स क्षेत्र में ट्राइडेंट, आदित्य बिरला ग्रॉसिम, वर्धमान, नाहर, रेमण्ड, सेल, सागर ग्रुप, महिमा फिवरेस, बेस्ट क्रॉप, गुकुलदास, प्रतिभा सिनटेक्स,  मिलेनियम बेबी केयर, एवजोल, इंदोरमा, वेसमेट, कॉर्ल-आॅन ने निवेश किया है। वहीं प्रदेश में बैंगलुरु की शाही टेक्सटाइल्स को लाने के प्रयास चल रहे हैं। अरविंद टेक्सटाइल्स ने भी निवेश के लिए कदम आगे बढ़ाए हैं। मोहासा में दिल्ली की इंदोरमा जमीन तलाश रही है। इंदोरमा की इंदौर में पहले यूनिट थी जिसे बंद किया जा चुका है। बेस्ट कॉर्पोरेशन टेक्सटाइल्स को लाने के प्रयास चल रहे हैं। मंडीदीप में इजराइल की ईवीजीओएल (इवगोल) कंपनी का विस्तार करने बातचीत चल रही है। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला कहते हैं कि प्रदेश में औद्योगिक संभावनाएं बढ़ी हैं। राज्य को टैक्सटाइल्स हब बनाने के सभी मापदंड पूरे कर रहे हैं। हम केन्द्र की बिड में शामिल होंगे। इंदौर के साथ भोपाल भी बड़ा औद्योगिक केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है। हम देश तथा देश के बाहर की कई बड़ी कंपनियों से राज्य में निवेश करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

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