
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश की एक लोकसभा व तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं। इसके लिए उनके द्वारा दस का दम लगाया जा रहा है। चौहान द्वारा इन उपचुनावों में पार्टी की जीत तय करने के लिए अपने दस मंत्रियों की तैनाती की गई है। इनमें जिला प्रभारियों के अलावा अन्य मंत्री शामिल हैं। खास बात यह है कि उपचुनाव में उन मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिन्हें चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल है।
इन मंत्रियों में गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, प्रभुराम चौधरी, विश्वास सारंग, मोहन यादव, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, बिसाहू लाल सिंह, कमल पटेल और विजय शाह जैसे नाम शामिल हैं। यह वे मंत्री हैं जो अब तक उपचुनाव वाले इलाके का दौरा कर वहां की मैदानी हकीकत का पूरा लेखा जोखा तैयार कर चुके हैं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री ने अपने इन मंत्रियों से कहा है कि उपचुनाव को चुनौती के रूप में ले और अब पूरी ताकत से मैदान में उतर जाएं। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को जिन विधानसभा क्षेत्रों का प्रभार मिला है वहां वे संगठन के नेताओं से समन्वय बनाकर कार्यकर्ताओं के बीच काम करें। खंडवा लोकसभा समेत तीनों विधानसभा के चुनाव हमें हर हाल में जीतना हैं। चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री प्रदेश संगठन के शीर्ष नेताओं के साथ उपचुनाव में विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी बनाए गए मंत्रियों और इन जिलों के प्रभारी मंत्रियों की बैठक ले चुके हैं। इसके बाद उनके द्वारा खंडवा लोकसभा सीट के तहत आने वाली सभी विधानसभा सीटों और जोबट, रैगांव और पृथ्वीपुर के चुनाव प्रभारी बनाए गए मंत्रियों से अलग-अलग चर्चा कर वास्तविक स्थिति जानी गई। इस दौरान सीएम ने माना की जोबट, और पृथ्वीपुर में चुनौती कड़ी है पर हम अपने विकास कार्यों को लेकर मतदाताओं के बीच जाना है और कार्यकर्ताओं को निरन्तर सक्रिय रखना है। बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की सक्रियता से ही चुनाव में जीत मिलेगी।
मंत्रियों से यह भी ली जानकारी
उपचुनाव की तैयारियों के तहत मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा वार प्रभारी बनाए गए मंत्रियों के साथ अलग -अलग बैठक कर उनसे पूरा फीडबैक लिया। इस दौरान उनसे यह भी पूछा गया कि किस क्षेत्र में क्या बड़ी समस्या है। उपचुनावी जीत के लिए के क्या और किया जाना चाहिए। इस दौरान जातिगत गणित पर भी चर्चा की गई। उन्होंने इन मंत्रियों से साफ कहा कि हम हर बार की तरह अपने विकास कामों को लेकर ही जनता के बीच जाएंगे। कांग्रेस एक बार फिर इन चुनावों में भ्रम फैलाएगी , लेकिन हमें जनता के बीच जाकर उसके भ्रम जाल को तोड़ना होगा। इसके अलावा दावेदारों के बारे में पूरी जानकारी ली गई। सीएम ने मंत्रियों को बताया कि उपचुनाव को लेकर सर्वे भी कराया गया है। प्रत्याशियों के नामों का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा।
दोनों दलों के सामने चुनौती
दरअसल उपचुनाव वाली सीटों में शामिल खंडवा लोकसभा सीट भाजपा के खाते से खाली हुई है। इस सीट पर भाजपा में जहां टिकट को लेकर अंदरुनी कलह मची हुई है तो वहीं पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर पार्टी के पास कोई दमदार चेहरा नहीं है। यही वजह है कि भाजपा को यहां पर सपा नेता को आयात करना पड़ गया है। बीते चुनाव में यहां पर भाजपा प्रत्याशी अभय प्रताप सिंह की जमानत जप्त हो चुकी है। यह सीट कांग्रेस के खाते से रिक्त हुई है, जोबट भी कांग्रेस की सीट है , जबकि रैगांव सीट भाजपा के खाते से रिक्त हुई है। यही वजह है कि दोनों दलों के सामने अपनी-अपनी सीटें बचाने के साथ ही दूसरे दलों की सीट जीतने की चुनौती बनी हुई है।
कांग्रेस में नाम तय, भाजपा में मंथन जारी
कांग्रेस द्वारा अपने सभी प्रत्याशी लगभग पहले ही तय कर लिए गए हैं, यही वजह है कि कांग्रेस के दावेदार अपनी -अपनी सीटों पर बहुत पहले से ही सक्रिय बने हुए हैं। खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव का नाम पहले से ही तय माना जा रहा था, जबकि पृथ्वीपुर से स्वर्गीय बृजेन्द्र प्रताप सिंह के बेटे नितेन्द्र सिंह राठौर के नाम की भी बहुत पहले ही हरी झंडी मानी जा रही है। इसी तरह से जोबट से सुलोचना रावत तो रैंगाव से कल्पना वर्मा का नाम भी शामिल है। यह बात अलग है कि जोबट से महेश रावत व विशाल रावत व रैगांव से ऊषा चौधरी अब भी टिकट के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। इसके उलट भाजपा में खंडवा से नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष के अलावा अर्चना चिटनिस समेत कृष्णमुरारी मोघे के बीच होड़ लगी हुई है। इसी तरह से रैगांव में पुष्पराज बागरी, जया बागरी, रानी बागरी और काशी बागरी में कोई भी पीछे हटने को तैयार नही है। पृथ्वीपुर में सपा से भाजपा में आए शिशुपाल सिंह यादव , गणेशी लाल नायक और अखलेश अश्याची के नाम टिकट की दौड़ में शामिल हैं।