जनता की नाराजगी के बाद पृथक विंध्य निर्माण की मांग पड़ रही भाजपा को भारी

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  • भाजपा के सामने बनी हुई है असमंजस की स्थिति…

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। उपचुनाव के लिए पहले से भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बनी पृथ्वीपुर सीट के बाद अब रैंगाव सीट भी उसके लिए बड़ा सिर दर्द बनती जा रही है। इसकी वजह विपक्षी दल नहीं, बल्कि भाजपा के ही अपने विधायक नारायण त्रिपाठी हैं। त्रिपाठी अपनी ही सरकार में उपेक्षा से बेहद नाराज चल रहे हैं, जिसकी वजह से उन्होंने पृथ्क विंध्य राज्य का झंडा उठा रखा है।
यही वजह है कि इस सीट पर मुख्यमंत्री को जनदर्शन कार्यक्रम करना पड़ा तो पार्टी के दिग्गज नेताओं के दौरे भी करने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं। रैंगाव की सीट को भाजपा की परंपरागत सीट के रुप में जाना जात है। अधिकांश चुनावों में इस सीट पर भाजपा को ही जीत मिलती रही है , लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। इसकी वजह है पहले से ही लोगों को अपने कामों के लिए सरकारी दफ्तरों में भटकना और फिर बगैर चढ़ोत्तरी के कोई काम न होना, ऐसे में उपचुनाव के पहले विंध्य पुनर्निर्माण मंच की क्षेत्र में पकड़ मजबूत हो जाना है। यही वजह है कि अब इस इलाके में भारतीय जनता पार्टी को न केवल अपनी सक्रियता बढ़ानी पड़ रही है, बल्कि लगातार नए सिरे से रणनीति भी बनानी पड़ रही है। चुनाव की तिथि भले ही नहीं हुई हैं, लेकिन इस इलाके में इन दिनों राजनैतिक सरगर्मियां बेहद तेज बनी हुई हैं। इस इलाके का हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपने जनदर्शन कार्यक्रम के तहत दौरा कर चुके हैं। इसके बाद से राजनैतिक हलचल एकदम से तेज हो गई हैं। इस दौरान उनके द्वारा इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भ्रमण कर मैदानी हकीकत जानने का भी प्रयास किया गया। इसके  बाद से ही संकेत मिल रहे हैं कि उनके द्वारा उपचुनाव को लेकर अब तक किए गए प्रयासों का मूल्यांकन कर राजनीति में परिवर्तन किया जाएगा। इस इलाके में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए आधा दर्जन मंत्रियों के दौरे कराए जा चुके हैं इसके बाद भी हालात नहीं बदलते दिख रहे हैं। यही वजह है कि अब माहौल बदलने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा खुद चुनाव के पहले हितग्राही मूलक योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाए जाने का लक्ष्य स्थानीय प्रशासन को सौंपा गया है।
इसके बाद से तो अब इलाके में कलेक्टर से लेकर संभागायुक्त तक के दौरे होना शुरू हो गए हैं। इसके अलावा संगठन द्वारा जिम्मा मिलने के बाद से स्थानीय सांसद गणेश सिंह भी कई बार प्रशासनिक अमले के साथ बैठकें कर चुके हैं। उधर,भाजपा की बढ़ती सक्रियता के बीच कांग्रेस  में भी हलचल शुरू हो गई है। संगठन द्वारा इलाके में मंडलम की बैठकों का दौर शुरू कर दिया गया है।
बदल रहे हैं समीकरण
उपुचनावी तैयारियों की हलचल के बीच विंध्य विकास और पृथक विंध्य की मांग को आंदोलन का रूप देने के लिए विंध्य पुनर्निर्माण मंच भी पूरी ताकत के साथ सक्रिय बना हुआ है। यह यात्रा मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में निकली जा रही है। इसकी वजह से यहां पर नये समीकरण बनने की सम्भावना बन गई है। इसकी बड़ी वजह है ब्राम्हण बाहुल इस क्षेत्र में  त्रिपाठी की यात्रा को अन्य वर्ग के साथ सजातीय समर्थन मिलना है। यही वजह है कि पार्टी अब तक यह तय नहीं कर पा रही है कि इस सीट पर किसे प्रत्याशी बनाया जाए। प्रत्याशी चयन को लेकर उलझी भाजपा का एक खेमा चाहता है कि यहां पर पार्टी को नये व्यक्ति को तो दूसरा खेमा पूर्व विधायक के परिवार को ही टिकट दिये जाने का पक्षधर बना हुआ है।
इन मंत्रियों को किया तैनात  
इस सीट पर पार्टी की जीत तय करने के लिए भाजपा प्रदेश संगठन ने तीन मंत्रियों सहित पूर्व मंत्री और संगठन के पदाधिकारियों को तैनात किया है। इनमें बिसाहूलाल सिंह ,रामखेलावन पटेल और बृजेन्द्र प्रताप सिंह शामिल हैं। इसके अलावा यहां पर इलाके के ब्राह्मण विधायक राजेन्द्र शुक्ला, सदस्य सांसद गणेश सिंह,उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार, महामंत्री सरतेन्दु तिवारी,मंत्री राजेश पाण्डेय को भी तैनात किया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश महामंत्री शरदेंदु तिवारी, रणवीर सिंह रावत भी अब तक इस इलाके में प्रवास कर स्थानीय पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से बैठक कर माहौल का पार्टी के पक्ष में करने के प्रयासों में लगे हुए हैं। 

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