हाईकोर्ट में लगी याचिका बनी प्रशासन के लिए मुसीबत

विजयवर्गीय

इंदौर/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर-देवास बाईपास की बेहद खराब स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित की याचिका अब प्रशासन के लिए मुसीबत बन रही है। इस जनहित याचिका में सड़क की हालत देखकर टोल टैक्स वूसली राकने की मांग की गई है। इस याचिका में कह गया है कि बायपास पर गड्ढों की ऐसी भरमार है कि कहीं-कहीं ही सड़क दिखती है। इस हालात की वजह से इस सड़क पर सदैव ही हादसे की आशंका बनी रहती है। इस सड़क निर्माण में पानी के निकासी की व्यवस्था भी नहीं की गई है। यही नहीं देख रेख के अभाव में इस सड़क पर बनी पुल-पुलिया भी बदहाल हो रहे हैं। सर्विस रोड तहस-नहस हो चुकी है । यह हालात तब हैं जबकि इस सड़क के लिए आम आदमी से टैक्स वसूला जा रहा है। इसकी वजह से आम व्यक्ति खुद को ठगा महसूस कर रहा है। याचिकाकर्ता संस्था ने नौ अलग-अलग बिंदुओं पर न्यायालय से राहत की मांग की है। याचिका में मांग की गई है कि जब तक याचिका का अंतिम निराकरण नहीं हो जाए तब तक टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगाई जाए। यह जनहित याचिका संस्था मातृ फाउंडेशन की ओर से अभिभाषक अमेय बजाज द्वारा दायर की गई है। उन्होंने याचिका में कहा है कि इंदौर देवास बायपास निर्माण का काम बीओटी प्रोजेक्ट के तहत हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया था। शर्तों के अनुसार कंपनी को स्ट्रीट लाइटिंग, लैंडस्कैपिंग और पौधारोपण ट्रक ले बाय, ट्रैफिक एंड पोस्ट पेडेस्ट्रियन, सुविधा घर, चिकित्सकीय एड पोस्ट, बस बाय और बस खड़े रहने का स्थान आदि सुविधाएं उपलब्ध करानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।  वास्तविकता यह है कि पूरे बाईपास पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से जाम है, लाइट या तो है नहीं या बंद है, अंडर पास में भी पानी भरा रहता है इसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है कंपनी जनता से टैक्स तो वसूल रही है लेकिन सुविधाएं नहीं दे रही है याचिका में मांग की गई है कि बाईपास की वास्तविक स्थिति की पड़ताल के लिए एक समिति बनाई जाए और उसकी जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत हो। लापरवाही बरतने पर कंपनी पर हजार्ना लगाया जाए याचिका के अंतिम निराकरण होने तक कंपनी द्वारा जनता से टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगाई जाए कंपनी को सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाए।
विजयवर्गीय ने फेसबुक पोस्ट में की कार्रवाई की मांग
इंदौर के एमआर-10 रोड पर रेडिसन होटल से सुपर कारिडोर तक और बीआरटीएस पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित सड़क पर बारिश में कई फीट पानी जमा हो जाता है। इस कारण वाहनों के खराब होने और लोगों को आने-जाने में असुविधा होती है। ऐसी लापरवाही और जन-धन का दुरुपयोग करने वाले ठेकेदार, इंजीनियर और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इंदौर में इस तरह की तकनीकी लापरवाही आगे न हो और ये सब बंगाली चौराहा ब्रिज के निर्माण में न हो। भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना जनता को न करना पड़े, ये इंदौर विकास प्राधिकरण को सुनिश्चित करना चाहिए।

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