- प्रणव बजाज

समाज में समृद्धि के लिए तीव्र भावना चाहता है संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मानना है कि यह समय भारत के विकास के लिए स्वर्णिम दौर चल रहा है , इसके बाद भी संघ की इच्छा है कि विकास के लिए हर हाल में समाज में समृद्धि के लिए तीव्र भावना की जरूरत है। दरअसल इस भावना का प्रकृतिकरण संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने संवाद के दौरान किया है। यह संवाद स्वदेशी जागरण मंच के शोध संस्थान के तीन दिन के अर्थ चिंतन ऑनलाइन वेबिनार में किया गया। उनका मानना है कि देश में असमर्थता के आधार पर दरिद्रता आती है। भारत में अब दारिद्रय का कोई स्थान नहीं है। इस कार्यक्रम में देश के 850 विश्वविद्यालय जुड़े हुए थे। जिसका प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पर भी लाइव देखा गया। इसमें निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. भरत शरण सिंह, मध्यभारत प्रांत की प्रमुख प्रतिभा चतुवेर्दी, सह-प्रमुख सीमा भारद्वाज भी शामिल हुई। इस अर्थ चिंतन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्वदेशी एक चिंतन ही नहीं, वैश्विक संस्कार है। बस, ये संस्कार सबको याद दिलाना होगा। स्वदेशी हमारी संपन्नता का आधार है।
प्रज्ञा का हमला , कहा दिग्विजय से बड़ा धर्म विरोधी कोई नहीं
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए बयान पर कहा है कि दिग्विजय सिंह से बड़ा कोई धर्म विरोधी नही है। उनका कहना है कि भारत में ऐसे लोग अब भी हैं , जो खाते तो भारत का है , लेकिन गुणगान पाक का करते हैं। उनका कहना है कि इमरान खान को उनके देश में ही महत्व नहीं मिलता , इसके बाद भी हिंदुस्तान के कई लोगा उनकी मदद करते हैं। उनका कहना है कि देश का बंटवारा होना ही नहीं चाहिए था । यही नहीं उन्होंने दिग्विजय सिंह द्वारा सरस्वती स्कूल पर सवाल उठाने पर े कहा कि उनसे बड़ा धर्म के विरुद्ध कार्य करने वाला देश में और कोई नहीं हो सकता है। यही नहीं दिग्विजय के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि तुम (दिग्विजय) मदरसों के बारे में बोलो, जहां आतंकवाद को पैदा किया जाता है, जहां मानवता को कुचला जाता है। मदरसों की तालीम पर विचार करो। सरस्वती शिशु मंदिर में राष्ट्र प्रेम, धर्म प्रेम, बंधुत्व और संस्कार दिए जाते हैं।
राकेश व अनूप को मिले महत्व के मायने
बीते एक सप्ताह में प्रदेश के दो ऐसे नेता एकदम से सुर्खियों में आ गए , जो भाजपा के साथ ही प्रदेश की राजनीति के बियाबान में गुम होते पूरी तरह से दिखने लगे थे। इनमें से एक है भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह , जबकि दूसरे नेता हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा। दरअसल बीते सप्ताह जब केन्द्रीय मंत्री शाह जबलपुर आए तो वे न केवल भोजन करने राकेश सिंह के घर गए , बल्कि उनकी तारीफ भी कर गए। इसी तरह से भाजपा में आने के बाद केंद्रीय मंत्री बनकर पहली बार ग्वालियर आए भाई साब ने अन्य भाजपा नेताओं की तुलना में अनूप मिश्रा को खासी अहमियत दी। अब इसके मायने तलाशे जा रहे हैं। इसकी वजह है मप्र में आम विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राकेश सिंह संगठन से रुखसत कर दिया गया था , जबकि दो बार लगातार चुनाव हारने के बाद अनूप को पार्टी व सरकार ने लगभग भुला ही दिया था। यह बात अलग है कि राकेश सिंह को मोदी-शाह की पसंद के चलते ही प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। वे भाजपा संसदीय दल के सचेतक भी रह चुके हैं, लेकिन वे अपने संसदीय इलाके से बाहर पहचान बनाने व कुशल संगठन के रुप में असफल रह चुके हैं।
छतरपुर जिले के भ्रष्ट अफसरों पर बरसे विष्णु दत्त
मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला बीते कई सालों से रिश्वतखोरी में अव्वल बना हुआ है। अगर बीते सालों की बात की जाए जो इस जिले में बीते सात सालों में ही में 1658 कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचे जा चुके है। इसके बाद भी सरकारी अफसरों व कर्मचारियों में कम होने की जगह रिश्वत का चलन बढ़ता ही जा रहा है। हद तो यह है कि बीते तीन दिन में लोकायुक्त पुलिस 10 से ज्यादा भ्रष्ट अफसरों को पकड़ चुकी है। इसी तरह से अगर बीते 20 महीनों की बता की जाए तो रिश्वतखोरी के 232 मामले सामने आ चुके हैं। इस जिले के यह हाल तब हैं जबकि इस इलाके का संसद में प्रतिनिधित्व स्वयं प्रदेश व केन्द्र की सत्तारुढ़ पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा करते हैं। यही वजह है कि इस मामले में वीडी बेहद खफा हैं। इसकी बानगी हाल ही में एक सामूहिक कार्यक्रम में दिख चुकी है इसमें उनके द्वारा ऐसे सरकारी अमले को जमकर फटकार लगाई गई है।