- प्रणव बजाज

अगले हफ्ते से लग सकता है बिजली बिलों से करंट
तमाम वस्तुओं में महंगाई का सामना कर रही सूबे की जनता को अब अगले हफ्ते से बिजली बिल भी करंट मारने जा रहे हैं। दरअसल इसकी वजह है 1 अक्टूबर से बिजली बिलों में उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले फ्यूल कास्ट एड्जस्टमेंट यानी एफसीए नाम का चार्ज बढ़ाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। यह बड़ी हुई राशि नई तिमाही में वसूल की जाना प्रस्तावित है। दरअसल जुलाई से सितंबर तक की तिमाही के लिए इस चार्ज को कम कर दिया गया था, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को इस वसूले जाने वाले चार्ज में प्रति यूनिट-20 घटाकर बिल दिए जा रहे हैं। इस चार्ज में वृद्धि के लिए जो तर्क दिए जा रहे हैं उसके मुताबिक कोयला महंगा हो गया है। कोयले की किल्लत भी है। इस वजह से अगली तिमाही के लिए एफसीए बढ़ाए जाने की तैयारी की गई है। जानकारों का कहना है कि यदि एफसीए बढ़ा तो यह प्लस में आ जाएगा जो प्रति यूनिट विजली बिलों में जोड़ा जाएगा। इसका असर भी बिल के अमाउंट पर पड़ेगा।
नाथ का तंज,यह कैसी किसान हितेषी है शिव सरकार
आजकल कमलनाथ कुछ अधिक ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला कर रहे हैं। अब उनके द्वारा किसानों को लेकर तंज कसा गया है। यह बात अलग है कि वे इसके लिए ट्वीट का सहारा लेते हैं। यह वो माध्यम है जिसका उपयोग सिर्फ बड़े नौकरशाह व आला नेता ही करते हैं। इसकी वजह से जिसके पक्ष में लिखा है उसे पता तक नहीं चल पाता है। अब उनके द्वारा किसानों के मामले में किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि बिजली बिल वसूली के लिए किसानों का बैंक खाता होल्ड पर रखने का सरकारी निर्णय पूरी तरह से बेतुका है। उन्होंने इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि खुद को किसान पुत्र बताने वाले शिवराज सिंह चौहान की सरकार किसान विरोधी और तानाशाह हो गई है। हालत यह है कि कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह जिले हरदा में ही बिजली बिल की राशि वसूलने के लिए 1406 किसानों के बैंक खाते होल्ड करा दिए गए हैं। उनका कहना है कि जब शिवराज विपक्ष में थे, तब कहते थे कि किसानों के बिजली कनेक्शन अगर काट दिए गए, तो मैं खुद जोड़ने जाऊंगा। सात दिनों से खाता होल्ड है, लेकिन किसानों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
अब वीडी को भी देनी पड़ रही चेतावनी
अब तक जिस नौकरशाही की वजह से आम आदमी के अलावा मैदानी भाजपा कार्यकर्ता परेशान थे, उसका सामना अब खुद वीडी को भी करना पड़ गया। यही वजह है कि उन्हें सार्वजनिक रुप से तय समय पर अपने दफ्तर पहुंचने की चेतावनी तक देनी पड़ गई है। हालांकि इसे लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कापी मानकर चल रहे हैं। दरअसल इस तरह की चेतावनी से काम हो या न हो जनता में अच्छा मैसेज तो चला ही जाता है। बीते रोज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंच से चेतावनी देते हुए कहा कि या तो अधिकारी कामकाज सुधार लें या फिर नौकरी छोड़ दें। छतरपुर जिले के लवकुश नगर के कार्यक्रम में उन्होंने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि अब अधिकारियों को गरीब जनता के लिए समय पर ऑफिस आना पड़ेगा। समय पर ऑफिस बैठे वर्ना नौकरी छोड़ दें। नहीं सुधरे तो मैं सीएम से बात करूंगा, ऐसा नहीं चलेगा अधिकारी इतने बेलगाम नहीं हो सकते। दरसअल मैदानी पदस्थापना उनकी ही होती हैं जिनका अपना रसूख होता है। वह राजनैतिक हो या फिर प्रशासनिक।
अब स्कूल शिक्षा मंत्री के भाई ने बढ़ाई मुश्किल
वैसे तो सिंधी समाज भाजपा का पंरपरागत वोटबैंक माना जाता है, लेकिन बीते कुछ सालों से भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा उपेक्षा किए जाने से इस वर्ग को मोह कम होता जा रहा है, ऐसे में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के भाई ने पार्टी और सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। दरअसल उनके भाई ने हाल ही में अपने गृह नगर में मंत्री भाई के रसूख की दम पर एक बैंककर्मी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिस कर्मचारी को पीटा गया है वह इसी सिंधी समुदाय से आता है। इसके बाद मंत्री के भाई पर कार्रवाई को लेकर प्रदेश भर के सिंधी समाज के लोग एक हो गए हैं। हालत यह रही है कि कार्यवाही के लिए सिंधी सेंट्रल पंचायत के आह्वान पर राजधानी के लगभग सभी बाजार शनिवार दोपहर तक बंद रखे गए। यही नहीं भोपाल में तो समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी कर डाला। यह बात अलग है कि भोपाल में समाज के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री निवास में अधिकारियों ने दो दिन में कार्यवाही का आश्वासन देकर मामले को शांत कराने का प्रयास किया है।