मालवा व महाकौशल इलाका बना पुलिस व प्रशासन के लिए चुनौती

पुलिस व प्रशासन

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। शांति के टापू के रूप में पहचान रखने वाले मप्र में अब पुलिस व प्रशासन के सामने अशांति को रोकने की चुनौती बन गई है। दरअसल इसकी वजह है वह रिपोर्ट जो हाल ही में इंटेलिजेंस विभाग ने दी है। इस रिपोर्ट में प्रदेश के दो अंचल महाकौशल व मलवा को साम्प्रदायिक तनाव के लिए किए जाने वाले षड्यंत्रों से सावधान रहने को कहा गया है। इन दोनों ही अंचलों के करीब एक दर्जन से अधिक जिलों में ऐसी ही संभावना जताई गई है। इसके बाद से ही ऐसे जिलों में पुलिस व प्रशासन विशेष रूप से बेहद सर्तकता बरत रहा है। इसके तहत इन जिलों में विशेष नजर रखी जा रही है। इस वजह से अब उन लोगों पर खासतौर पर नजर रखी जा रही है जो पहले इस तरह के मामलों में शामिल रह चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट को प्रदेश सरकार को भी भेजा जा चुका है। इस रिपोर्ट के आधार पर इन जिलों में साल के अंत तक विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। फिलहाल इस तरह की सूचना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन की सक्रियता एवं सतर्कता से फिलहाल ऐसे मामले नियंत्रित किए जा चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस मुख्यालय कोई भी लापरवाही नहीं चाहता है। गौरतलब है कि इंदौर, उज्जैन सहित कुछ शहरों में इस तरह के मामले सामने आने के बाद इंटेलिजेंस भी और सतर्क हुआ है। इसके बाद ही पता चला कि मालवा क्षेत्र के अधिकांश जिलों में ऐसी घटनाओं से अशांति फैलाई जा सकती है। वहीं महाकौशल के तीन जिलों में भी सांप्रदायिक घटनाओं के जरिए तनाव पैदा किया जा सकता है।

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