
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मलाईदार विभाग माने जाने वाले खनिज विभाग में खदानों को लेकर दो अफसर आपस ही भिड़ गए हैं। उनके बीच हुआ विवाद पुलिस तक पहुंचने के बाद अब विभाग ने न केवल उन दोनों अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी है बल्कि उनके मैदानी पदस्थापना से हटाकर मुख्यालय में अटैच कर दिया है। दरअसल उनके बीच विवाद की वजह बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाने को लेकर हुआ बताया जा रहा है। अब इन दोनों ही अफसरों को मैदानी जिम्मेदारी से मुक्त कर खनिज मुख्यालय में हाजिरी देने के लिए कहा गया है। दरअसल इनके बीच विवाद की वजह बनी हैं लेट्राइड और मुरम की खदानें।
यही वजह है कि अब इन खदानों को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है। कुछ दिन पहले ही जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय भौमिकी व खजिन कर्म के अधिकारी संतोष पटले को रीवा में पदस्थ इसी विभाग के एक अधिकारी ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर उसकी नौकरी पर आंच आई तो वह गोली मारकर जान ले लेगा। इसकी शिकायत संतोष पटले ने वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा थाना गोरखपुर में की थी। दरअसल यह पूरा मामला सतना में मुरम खदानों की जांच को लेकर है। इन खदानों की जांच भोपाल मुख्यालय के आदेश पर शुरू की गई है। इनमें मैहर और सतना की लेट्राइट की सात खदानों के पास चार मुरम की खदानों का आवंटन किया गया था, खदानों को लेकर जून में विभागीय मंत्री से शिकायत हुई थी, जिसमें कहा गया है कि लेट्राइट खदानों को मुरम की खदान बताकर आवंटित कर दिया गया है। इसके बाद मुख्यालय भोपाल से एक जांच समिति का गठन किया गया था , जिसमें जबलपुर के क्षेत्रीय प्रमुख संतोष पटले, कार्यालय के दो अधिकारी, रीवा व सतना के दो अधिकारियों को भी शामिल किया गया था। टीम ने जून में खदानों की जांच कर उसकी रिपोर्ट दस अगस्त को भोपाल भेज दिया था।
जांच के दौरान कराए गए लैब परीक्षण में भी रेत की जगह लेट्राइट निकला, जिस पर अब मुख्यालय को निर्णय लेना है। इसी बात से नाराज होकर रीवा में पदस्थ क्षेत्रीय प्रमुख संजीव पांडेय गुस्से में आ गए और उन्होंने उन्हें दिखाए बगैर जांच रिपोर्ट भेजने पर धमकी दी थी। उनका कहना था कि अगर उन्हें बताए बिना रिपोर्ट कैसे भेज दी। इसके बाद उन दोनों के बीच में विवाद हो गया था।