
- पुलिस और प्रशासन बना मूकदर्शक, खुलेआम थानों के सामने से हो रही तस्करी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में आई बाढ़ ने जहां अंचल के लोगों के लिए बेहद मुसीबतें खड़ी कर रखी हैं, वहीं यही बाढ़ रेत माफिया के लिए वरदान बन गई है। इसकी वजह है अंचल की नदियों में आयी बाढ़ के बाद भारी मात्रा में रेत किनारों से बाहर आना। इसका फायदा उठाते हुए रेत माफिया जमकर रेत की तस्करी कर रहा है, लेकिन मजाल है कि प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जुर्रत नहीं कर पा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह पूरा खेल प्रशासन की मिली भगत से खेला जा रहा है। इसकी वजह से रेत माफिया ने आपदा को अवसर में बदल लिया है। दरअसल इस अंचल में चंबल, पार्वती और सिंध जैसी बड़ी नदियां हैं। बाढ़ में जब वे उफान पर थीं तो यह नदियां अपने साथ बड़ी मात्रा में रेत भी बहाकर लाईं और बारिश का पानी उतरने पर उसे किनारे पर छोड़ गईं। नियमों के मुताबिक इस रेत पर सरकार का मालिकाना हक होता है, लेकिन सरकार रेत माफियाओं के आगे कुछ भी नहीं करने को तैयार है। इसी वजह से रेत माफिया धड़ल्ले से इस रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन कर रहा है और जिला प्रशासन पूरी तरह से तमाशबीन बना हुआ है। दरअसल इस अंचल में रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन रेत माफियाओं के साथ ही प्रशासन में बैठे लोगों के लिए कमाई का बड़ा माध्यम है। यह पूरा कारोबार राजनैतिक और प्रशासनिक गठजोड़ के साथ रेत माफिया द्वारा किया जाता है।
सरकार के सामने कई बार इस तरह के मामले पहले भी आते रहे हैं, लेकिन कभी भी सरकार इस मामले में सख्ती नहीं दिखा सकी है। इस मामलें में भोपाल में बैठे आला प्रशासनिक अफसर भी रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई से बचते रहते हैं। इतना जरुर है कि वे दिखावे के लिए रेत माफियाओं पर लगाम लगाए जाने और उन्हें संरक्षण देने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कहने से पीछे नहीं रहते हैं।
नदियों को छलनी करने का काम है जारी
बाढ़ के पहले और अब बाद में भी इलाके के रेत माफिया नदियों का सीना छलनी करने में पीछे नहीं रह रहे हैं। इस अंचल की सभी नदियों के घाटों पर इस तरह की तस्वीरें आम हैं। फिलहाल बड़ी बड़ी मशीनों से रेत माफिया द्वारा किनारे पर आई रेत को निकालकर उसे डंप करने का काम जारी है। हालत यह है कि इस अंचल में हर रोज लगभग 400 से 500 डंपर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। खास बात यह है कि यह माफिया रेत का परिवहन मुरैना जिले के चार थानों के सामने से होते हुए ग्वालियर तक कर रहे हैं। इससे सरकार को हर माह करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी सरकार और प्रशासन इन माफियाओं पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं।
कांग्रेस ने पूछा कितनों को जमीन में गाड़ा
कांग्रेस का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह का अपराधियों और माफियाओं को चुनौती देने वाला वह बयान याद होगा जिसमें वे कह रहे थे कि अपराधियों मप्र छोड़ दो नहीं तो जमीन में गाड़ दूंगा इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने सरकार पर रेत माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए पूछा है कि माफियाओं और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री क्या बताएंगे कि उन्होंने अब तक कितने अपराधियों को जमीन में गाढ़ दिया है।