माननीयों की सड़कों ने बिगाड़ा पीडब्ल्यूडी का बजट

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भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। विधायकों, नेताओं के दबाव में स्वीकृत हुई सड़कों ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का पूरा गणित गड़बड़ा दिया है। दरअसल, दोनों सरकारों ने पिछले चार साल में तकीबन 12 सौ से अधिक सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। बजट के अभाव में यह सभी सड़कें नहीं बन पाई हैं।
अब इन सड़कों के लिए सरकार को पांच हजार करोड़ से अधिक की जरूरत है, जबकि विभाग को सिर्फ 27 सौ करोड़ रुपए ही बजट में मिले हैं। हालत यह है कि बारिश में खराब हुई सड़कों को दुरुस्त कराने के लिए विभाग के पास पैसा नहीं है। लोक निर्माण विभाग की करीब एक हजार किमी सड़कें बारिश में खराब हुई हैं। सीएम की घोषणाएं पूरी करने में विभाग को बजट का जुगाड़ करना पड़ रहा है। सीएम की घोषणा वाली एक दर्जन सड़कें प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भेजी गई थी। वित्त विभाग ने खाली खजाने के चलते कई सड़कों को होल्ड पर रखा है। नई सड़कें बनाने पर सरकार ने रोक लगा रखी है। दो साल में सरकार ने सिर्फ 127 करोड़ रुपए की 120 सड़कें बनाने की ही मंजूरी दी है। कांग्रेस के 18 महीने की सरकार में 450 सड़कों की मंजूरी दी गई है।
इन सड़कों को मिली है प्रशासकीय मंजूरी
ये हैं स्वीकृत चुनिंदा सड़कें
जिला सड़क लंबाई(किमी) राशि (लाख में)
छिंदवाड़ा खारी हमीरा से मोहली 8.00 673.82
देवास सिरोल्य से गोगा मार्ग 9.70 815.70
बालाघाट बेहराखार से सारसडोल 11.00 723.21
बालाघाट लांजी से बिसोनी 18.00 1302.70
छतरपुर एनएच-75 से कदारी 9.00 1576.97
विधानसभा चुनाव से पहले 500 सड़कें मंजूर
विधानसभा चुनाव-2018 में शिवराज सरकार ने करीब पांच सौ सड़कों के निर्माण की मंजूरी दी थी। यह सभी सड़कें विधायकों के दबाव में सरकार ने निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इन सड़कों के निर्माण के लिए अब धीरे-धीरे टेंडर जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि अब पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव सिर पर है।
उपचुनाव के चलते 108 सड़कों को मंजूरी
प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव के चलते शिवराज सरकार ने 108 सड़कों की घोषणा की थी। इन सभी सड़कों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। अब धीरे-धीरे इन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें अभी सिर्फ एक-दो किमी वाली सड़कों के निर्माण के लिए चयन किया गया है।
500 करोड़ ठेकेदारों की उधारी
लोक निर्माण विभाग को पांच सौ करोड़ रुपए भुगतान करना है। इन ठेकेदारों से विधानसभा मुख्य और उप चुनाव से पहले सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का काम कराया था। जैसे-जैसे बजट मिलता जाएगा, सड़कों का निर्माण होगा। ठेकदारों का भुगतान भी किया जाएगा।
-अखिलेश अग्रवाल, ईएनसी, पीडब्ल्यूडी

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