अब विधानसभा भी निगरानी रखेगी पिछड़ा वर्ग की योजनाओं पर

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भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश  विधानसभा भी अब पिछड़ा वर्ग की योजनाओं को लेकर सक्रिय हो गई है। यानी अब प्रदेश में पिछड़ा वर्ग से जुड़ी योजनाओं सहित अन्य मामलों पर विधानसभा की नजर रहेगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह की मानें तो नियम समिति में नई समिति के गठन पर सहमति बनने के बाद नियमों में संशोधन कर दिया गया है। मध्यप्रदेश विधानसभा की जिन समितियों के लिए चुनाव होता है उनमें अनुसूचित जाति जनजाति तथा पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति है। चूंकि पिछड़ा वर्ग का दायरा भी काफी बड़ा है। इसे देखते हुए यह तय किया गया है कि पिछड़ा वर्ग के लिए भी अलग से समिति गठित की जाए। इसके लिए विधानसभा के नवम्बर-दिसम्बर में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र में निर्वाचन होगा। खास बात यह है कि समिति को यह अधिकार होगा कि वह पिछड़ा वर्ग की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करे। इसके लिए उसे जिस भी अधिकारी को बुलाने की जरूरत महसूस होगी, उसे बुला सकेगी। इस  समिति में अधिकतम 15 सदस्य होंगे। उल्लेखनीय है कि इन दिनों प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को लेकर सियासत गरमाई हुई है। पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जिस पर आज सुनवाई नियत है। सरकार की कोशिश है कि आज ही आरक्षण मामले पर अंतिम निर्णय हो जाए। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़ा वर्ग की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए आयोग बनाने की घोषणा की है। इसकी मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने कार्यवाही भी शुरू कर दी है।
प्रारंभिक तैयारी हुई शुरू
उल्लेखनीय है कि पिछड़ा वर्ग की योजनाओं पर नजर रखने के लिए बनाई जाने वाली नई समिति के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। समिति में अधिकतम 15 सदस्य होंगे। आगामी नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में सदस्यों का चुनाव होगा। इसके लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं।

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