कोरोना के बाद बाढ़ के कहर से बिजली विभाग की करोड़ों की वसूली प्रभावित

बिजली विभाग

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में पिछले चार महीने से कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण बिजली विभाग उपभोक्ताओं से बिल की वसूली नहीं कर पाया है। वहीं अब बाढ़ की स्थिति से मामला और भी गड़बड़ा गया है। दरअसल बिजली विभाग के बकाया वसूली अभियान पर इसका गहरा असर पड़ा है।
यही वजह है कि ऐसी परिस्थितियों में बिजली कंपनी के करोड़ों रुपए उलझ गए हैं। जिसकी वसूली करना अब और भी मुश्किल होता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बकाया राशि की वसूली को लेकर विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों और कर्मचारियों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और सुधार के कारण दतिया जिले के दो ब्लॉक में बड़ी संख्या में विद्युत उपभोक्ताओं ने भी अपने बिल जमा नहीं कराए। इसके साथ ही प्रभारी मंत्री के बयान के बाद तो विद्युत उपभोक्ता और भी बेफिक्र हो गए हैं। इन हालातों में विद्युत वितरण कंपनी लगभग पचास करोड़ से भी ज्यादा की राशि वसूल ही नहीं कर पा रही है। दूसरी ओर अधिक बिल आने और आॅन स्पॉट बिलिंग को लेकर भी विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतें जारी है। इन हालातों के बीच विद्युत वितरण कंपनी लाखों प्रयास करने के बाद भी तय समय सीमा में बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी गांव में विद्युत की आपूर्ति निर्बाध नहीं कर पाई है। इसके साथ ही विद्युत वितरण कंपनी की सबसे बड़ी परेशानी पचास करोड़ से अधिक की राशि उपभोक्ताओं पर बकाया होना है।
अब तक अटकी है कोरोना काल की वसूली
ज्ञात रहे कि हजारों लोगों ने कोरोना महामारी के समय और अन्य पूर्व के लंबित बिल विद्युत कंपनी में जमा नहीं कराए हैं।  विद्युत वितरण कंपनी के लगभग तीन करोड़ से अधिक की राशि अकेले कोरोना काल के बिलों में अटकी हुई है। बता दें कि दतिया जिले में प्रतिमाह तेरह करोड़ रुपए विद्युत उपभोक्ताओं से प्राप्त होते हैं। जबकि बीते जुलाई महीने के प्रारंभ तक सिर्फ साढ़े सात करोड़ रुपए ही जमा हो सके हैं। वहीं विभाग अब शेष राशि की वसूली के लिए उपभोक्ताओं पर दबाव बना रहा है।
बाढ़ से हुआ ढाई करोड़ का नुकसान
विभागीय सूत्रों की माने तो विद्युत वितरण कंपनी को हाल ही में आई बाढ़ के कारण लगभग ढाई करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर विद्युत वितरण कंपनी का पचास करोड़ का बकाया भी वसूल नहीं हो सका है। हालांकि बकाया राशि वसूल नहीं होने का प्रमुख कारण विभाग द्वारा प्रारंभिक स्तर पर इस वसूली अभियान को तरजीह नहीं दिया जाना भी बताया जा रहा है।
प्रभारी मंत्री के बयान से निडर हो गए उपभोक्ता
तीन महीने पूर्व की स्थिति देखें तो विद्युत वितरण कंपनी का उपभोक्ताओं पर बिल की बकाया राशि बीस करोड़ के आसपास ही थी लेकिन धीरे-धीरे यह बकाया राशि बढ़कर पचास करोड़ से भी अधिक हो गई है। यही नहीं बाढ़ के कारण सेवड़ा ब्लॉक सहित कई गांवों में विद्युत कंपनी वसूली अभियान अटक गया है। हाल ही में भांडेर में बिजली बिलों को लेकर खासा हंगामा भी हुआ था। इसमें प्रभारी मंत्री के बयान के बाद लोग इतने निडर हो गए कि उन्होंने बिजली बिल की बकाया राशि जमा कराना ही बंद कर दिया।

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