
बिच्छू डॉट कॉम। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से डिफेंस एक्सपर्ट्स भारत को आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी को लेकर अलर्ट कर रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान की वापसी से कश्मीर पर बुरा असर पड़ सकता है। पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन अब अफगानिस्तान को ठिकाना बनाकर भारत पर हमले कर सकते हैं। जम्मू और कश्मीर के पूर्व पुलिस प्रमुख शेषपाल वैद ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि भारत विरोधी आतंकी गुटों को अब अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह मिल सकता है। साथ ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकियों से आतंकी अभियानों को फिर से शुरू करने के लिए जम्मू-कश्मीर का रुख करवा सकती है। उन्होंने आगे बताया कि ऐसे हालात में भारत को बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। हमें पाकिस्तान, चीन और तालिबान के गठबंधन से निपटना पड़ सकता है।
वैद ने कहा है कि हाल के सालों में कश्मीर में इस्लामी आतंकी समूहों को जगह मिल गई है। तालिबान, अफगानिस्तान से यूरोप तक इस्लामी शासन के अपने विचारों से पीछे नहीं हटा है। ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन इस माहौल का फायदा उठने की कोशिश कर सकते हैं। बता दें कि 1996-2001 के बीच तालिबान के सत्ता में रहने के दौरान कश्मीर में बहुत से आतंकी घुस आए थे। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, कारगिल युद्ध, दिल्ली में बम धमाके सहित आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई थी।
इससे पहले 1980 के अंत में सोवियत सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद कश्मीर घाटी में विद्रोह बढ़ गया था। सोवियत के अफगानिस्तान से जाने के बाद इस्लामी आतंकियों का मनोबल बढ़ गया था और ऐसा अमेरिका की वापसी के बाद भी संभव है। हालांकि सीमा सुरक्षा बल के डायरेक्टर एसएस देसवाल ने कहा है कि अफगानिस्तान में बदलते हालात को देखते हुए भारत किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम वहां की स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं।