- प्रणव बजाज

बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए विश्नोई ने फिर लिखा सीएम को पत्र
पूर्व मंत्री व विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने बिजली के रखरखाव के लिए सरकार की ओर से फंड नहीं जारी करने की बात कही है। जिसके कारण किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है। पत्र को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार हर वर्ष इक्कीस हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी का तिलक प्रदेश के किसानों के माथे पर लगाती है, परंतु किसानों तक बिजली पहुंचने के तंत्र के रखरखाव के लिए जरूरी आठ-नौ सौ करोड़ रुपए खर्च नहीं करती। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत आती है। ज्ञात रहे कि विश्नोई पूर्व में भी विद्युत वितरण कंपनियों के कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं और सरकार द्वारा इन कंपनियों के लाइन लॉस खत्म करने को लेकर रखरखाव में कमी का मामला सामने ला चुके हैं।
होसबोले की कार्यकर्ताओं को क्या है नसीहत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बीते रोज संगठनात्मक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। इसकी तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में संघ के कार्यकर्ताओं को आवश्यक तैयारी कर लेनी चाहिए। इस बात की चिंता की जाए कि नगर गांव में चयनित कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण ठीक से हो जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि संघ का कार्य भौगोलिक और सर्वस्पर्शी दोनों प्रकार से बढ़ना चाहिए इसके लिए स्वयं सेवकों को आगामी तीन वर्ष के कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। विद्यार्थी शाखा के विस्तार पर भी ध्यान देना चाहिए। साथ ही जिस प्रकार हमने भोपाल में श्रम साधकों के बीच विशेष प्रयास करके कार्य खड़ा किया है उसी प्रकार सभी वर्गों एवं क्षेत्रों में कार्य पहुंचाना है। वे यह भी बोले कि हमें कार्य विस्तार के साथ-साथ कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास करने चाहिए।
आखिर भ्रष्ट अधिकारी दुबे हुआ सस्पेंड
जबलपुर में तय रेत से अधिक कीमत पर शराब बेचने का मामला आने पर सहायक आबकारी आयुक्त एसएन दुबे को विभाग द्वारा सस्पेंड कर आबकारी आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में अटैच किया गया है। विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जबलपुर जिले में देशी व विदेशी मदिरा की फुटकर विक्रय दुकानों में निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर बेचने की शिकायत मिली थी। इस पर वाणिज्य कर आयुक्त इंदौर के माध्यम से जांच कराई गई। कमिश्नर के निर्देश पर वाणिज्यकर जबलपुर एक द्वारा संभागीय आयुक्त व संभागीय उपायुक्त का एक जांच दल गठित कर जांच के लिए भेजा गया। दल के सदस्यों को तीस जुलाई को जबलपुर में स्थिति कुछ विदेशी दुकानों में और 4 अगस्त को कुछ देशी मदिरा दुकानों में शराब के रेट पता करने पर भेजा गया था। यहां उन्हें निर्धारित मूल्य से 10 से लेकर 40 तक अधिक कीमत बताई गई। दल के सदस्यों ने शराब भी खरीदी और दुकानदार से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी कर ली थी।
दो अफसरों के पुनर्वास की चर्चाएं
प्रदेश के दो वरिष्ठ आईएएस अफसरों के पुनर्वास की चर्चाएं जोरों पर है। दरअसल कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह और दीपक खांडेकर इसी महीने रिटायर हो रहे हैं। खांडेकर वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और केंद्र सरकार में सचिव हैं। वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों में केके सिंह की अपनी इमेज है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों में से किसी एक का पुनर्वास होना तय है। बहरहाल कयास तो सीएम के खास रहे मनोज श्रीवास्तव की सेवानिवृत्ति पर भी लगाए गए थे लेकिन उनके पुनर्वास पर विचार नहीं हुआ। वहीं इस बार सरकार की कार्यशैली का अंदाज भी बदला हुआ है। पिछली बार की तरह सेवानिवृत्त अधिकारियों कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति देने का क्रम लगभग बंद जैसा है। सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों की फाइलें आगे बढ़ रही है जिनकी विभाग को सच में जरूरत है।