
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। बीते कुछ दिनों में जिस तरह से भाजपा शासित दो प्रदेशों के मुख्यमंत्री अचानक बदले गए हैं, उसे लेकर मप्र में भी बदलावों के कयासों का दौर शुरू हो गया था , लेकिन इस बीच दो दिन पहले अन्न उत्सव के सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पीठ जमकर थपथपाई है, उससे राजनैतिक उठा पटक की संभावनाएं पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। उधर संगठन ने प्रदेश में एक लोकसभा व तीन विधानसभाओं के होने वाले उपचुनावों को चौहान के चेहरे पर ही लड़ने का तय कर लिया है। इसके लिए संगठन की ओर से नारा भी तैयार कर लिया गया है।
यह नारा है शिवराज सरकार, भरोसा बरकरार। उपचुनाव वाले इलाकों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अब तक कोई भी संकेत भले ही नहीं दिए गए हैं, लेकिन यह नारा अभी से सुनाई देने लगा है। जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने शिवराज की तारीफ की और संगठन ने चुनावी नारा दिया है उससे यह तो तय हो गया है कि प्रदेश में अब किसी तरह का सत्ता में परिवर्तन नहीं होगा। यही नहीं इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि सूबे में भाजपा के पास चौहान से बड़ा और लोकप्रिय चेहरा फिलहाल नहीं है। इसके साथ ही यह भी लगभग तय हो गया है कि प्रदेश में अगले दो साल बाद होने वाला आम चुनाव भी चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। यह बात अलग है कि राजनीति में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता है। दरअसल गरीबों को दिए जाने वाले नि:शुल्क राशन वितरण योजना के प्रदेश भर में हुए कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चौहान की तारीफ करते हुए जिस तरह से गरीब कल्याण, आर्थिक विकास, कोरोना संकट में बेहतर प्रबंधन और जनसहभागिता जैसे मामलों का जिक्र कर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि मप्र में चौहान ही पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। प्रधानमंत्री मोदी प्राय: भाजपा के सक्रिय बड़े नेताओं की इस तरह से न तो तारीफ करते हैं और न ही दिग्गजों को लेकर इस तरह की बात। मोदी यहीं न हीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि कामकाज के तरीकों में जिस तरह से शिवराज ने बदलाव किया है उससे ही मध्य प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आकर विकासशील राज्यों में शामिल हो पाया है। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने और निवेश को आकर्षित करने में सफल होने की वजह से ही मध्य प्रदेश अपनी नई-नई पहचान बना रहा है। मोदी ने कोरोना संकट में इलाज की सुविधाएं जुटाने के साथ गरीबों और किसानों के लिए किए गए कार्यों की भी सराहना की है। मोदी द्वारा चौहान की प्रशंसा में खास बात यह रही कि उनके द्वारा टीम वर्क में कार्यकुशलता को लेकर भी तारीफ की गई।
दरअसल चौहान प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो आम आदमी के लिए सरकार स्तर पर बनाई जाने वाली योजनाओं में भी आम आदमी के सुझाव लेकर उन्हें शामिल करते हैं। यही वजह है कि सरकार के अभियानों और कार्यक्रमों में आम जनता की सहभागिता बढ़ाने में अब तक वे सफल रहे हैं। चौहान के इस कदम की भी मोदी ने प्रशंसा की है। गौरतलब है कि मप्र देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां पर हर वर्ग के लोगों की योजनाएं बनाने से पहले उनकी पंचायत बुलाई जाती है। इसके लिए लोगों को सीएम हाउस बुलाकर उनकी राय ली जाती है। उस राय के आधार पर योजनाओं के नियम कानून बनाए जाते हैं जिसकी वजह से योजना का फायदा अधिकतम पात्र लोगों को होना संभव हो पाता है। यही नहीं उन्होंने जिस तरह से प्रदेश की आधी आबादी के साथ भावनात्मक मामा का रिश्ता जोड़ा है वह भी उनकी अनूठी कार्यशैली का बड़ा उदाहरण माना जाता है।
कांग्रेस नेताओं की निकली हवा
मध्यप्रदेश में भी कर्नाटक और उत्तराखंड की ही तरह मुख्यमंत्री बदले जाने की अफवाह उड़ाने में कांग्रेस के कुछ नेता लगातार लगे हुए थे। इस मामले को तो पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट तक कर हवा देने का जो प्रयास किया था, वह भी अब पूरी तरह से थोथा साबित हो चुका है। इसके अलावा कुछ लोगों द्वारा दबी जुबान में उन चर्चाओं को हवा दी जाती रही, जिसमें नए चेहरे की तलाश किए जाने की बात की जा रही थी। प्रधानमंत्री के सार्वजनिक रुप से जमकर तारीफ किए जाने के बाद अफवाह फैलाने वाले नेताओं को अब करारा जवाब मिला है। इसकी वजह से अब विपक्ष के साथ ही सत्ता से संगठन तक की सभी संभावनाओं के समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है।
पार्टी में मौजूद शिव विरोधियों को भी लगा झटका
विपक्ष के साथ ही अपनी पार्टी में भी शिव विरोधी सूबे के मुखिया को बदले जाने की अफवाहों को गुपचुप हवा देने में लगे हुए थे। प्रधानमंत्री के तारीफों के बाद अब उन्हें भी बड़ा झटका लगा है। इन नेताओं में वे नेता भी शामिल है जो सत्ता व संगठन में इन दिनों सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह वे नेता है जिन्हें पार्टी में शिव विरोधी माना जाता है।