
- प्रणव बजाज
क्या है ये तीन सौ करोड़ के घोटाले का आरोप !
प्रदेश के पूर्व मंत्री द्वय प्रियव्रत सिंह और जीतू पटवारी ने बिजली विभाग की योजना में गंभीर भ्रष्टाचार के होने आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में लगभग तीन सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है जबकि सरकार अभी सिर्फ जबलपुर संभाग में ही गड़बड़ियों की जांच कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली बिलों के नाम पर सरकार उपभोक्ताओं को लूट रही है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके विरोध में पांच अगस्त को प्रदेश के हर जिले में प्रदर्शन करेगी। दोनों ही पूर्व मंत्रियों ने भाजपा सरकार में बिजली विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि कर्मचारियों द्वारा मनमाने ढंग से रीडिंग लेकर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। यही नहीं दोनों विधायकों ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर ढोंग रचने का भी आरोप लगाया है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह की दरियादिली
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दरियादिली दिखाते हुए नागरिकों को 31 जुलाई तक टैक्स और उपभोक्ता प्रभारों के भुगतान में अधिभार में छूट दी है। इसके तहत ऐसे नागरिक जो 31 जुलाई 2021 तक नगरीय निकायों को टैक्स और उपभोक्ता प्रभार आदि का भुगतान करेंगे उन्हें तीन माह यानी अप्रैल से जून 2021 तक की अवधि के अधिभार नहीं देने होंगे। मंत्री सिंह ने नागरिकों से आग्रह किया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए 31 जुलाई तक टैक्स और उपभोक्ता प्रभारों का भुगतान जरूर करें। उन्होंने बताया कि चूंकि कोरोना के कारण लोगों के रोजगार-धंधे सहित अन्य क्षेत्रों में गिरावट आई है। ऐसे में लोगों को टैक्स और उपभोक्ता प्रभार जमा करने में कठिनाई महसूस हो रही थी। इसे ध्यान में रखकर ही विभिन्न करों के अधिकार में छूट का निर्णय लिया गया है।
डॉ राजेश राजौरा के सामने हुए मौतों के खुलासे
पिछले दिनों मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी व खकराई गांव में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत के मामले में नया मोड़ आने की उम्मीद है। दअरसल मामले की जांच करने गए विशेष दल के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अपर प्रमुख सचिव (गृह) डॉ राजेश राजौरा के नेतृत्व में मृतकों के परिजनों से एडीजी विजिलेंस जीपी सिंह व आईजी रेल डॉक्टर महेंद्र सिंह सिकरवार ने बातचीत की। इस दौरान मृतकों के परिजनों ने बताया कि पिंटू द्वारा शराब बेची जाती थी। शराब की खेप राजस्थान से लाई जाती थी। राजस्थान से आने वाली शराब सस्ती होने के कारण गांव में खूब बिकती है। पीड़ितों ने यह भी बताया कि गांव में आने वाले पुलिस, आबकारी विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों को इस बात की जानकारी होती है। मृतकों के परिजनों ने सरकार द्वारा दी जा रही मदद को कम बताते हुए कहा कि अभी तक उन्हें सिर्फ दो-दो लाख रुपए की ही मदद मिली है।
डायरी ने खोले ऋषभ जैन की काली कमाई के राज
पिछले दिनों लोकायुक्त संगठन द्वारा तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए एनएचएम के इंजीनियर ऋषभ जैन की काली कमाई के राज उनके पास मिली डायरी ने ही खोल दिए हैं। डायरी में लिखे हिसाब के अनुसार ऋषभ जैन अपनी काली कमाई से ब्याज का काला कारोबार करते थे। रिश्वत की रकम को ब्याज पर चला कर जैन ने खूब मुनाफा कमाया है। 20 जुलाई को हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास से लोकायुक्त संगठन पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद जैन के ठिकानों पर छापा मारा गया था। छापे के दौरान जांच एजेंसी ने जैन के घर से एक डायरी बरामद की थी। उस डायरी में ब्याज के पैसे का हिसाब किताब मिला है। पड़ताल के दौरान यह भी पता चला कि जैन ब्याज पर रकम चलाते थे। सूत्रों के अनुसार डायरी में दो से दस प्रतिशत तक ब्याज पर राशि चलाने का हिसाब दर्ज है। बता दें कि यह छापा लोकायुक्त पुलिस की जबलपुर टीम ने मारा था और बाद में इस प्रकरण को जांच के लिए भोपाल इकाई को सौंप दिया है।