
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना नियंत्रण के बाद प्रदेश में शिव सरकार का अब पूरा जोर उद्योगों को पटरी पर लाने और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मुहैया कराने पर है। यही वजह है कि रोजगार प्रधान उद्योगों पर फोकस रखकर काम किया जा रहा है। अफसर इसकी योजना बना रहे हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने तय किया है कि अब वे हर सोमवार को उद्योगपतियों, निवेशकों से वन टू वन चर्चा करेंगे।
इसी तारतम्य में जुलाई महीने के अंतिम पखवाड़े में राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की जा रही है। बता दें कि राज्य में हर्बल और औषधीय पौधों की ताकत बढ़ाने तथा आयुष आपूर्ति श्रृंखला में निवेश लाने की योजना के लिए जोर-शोर से कवायद चल रही है। प्रदेश के कई बड़े शहरों में निवेश की प्रक्रिया के तहत काम चल रहा है कई जगह औद्योगिक पार्क निर्मित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि निवेशक उज्जैन की तरफ भी रुचि दिखा रहे हैं। यहां विक्रमपुरी में नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुआ है जहां निवेशकों की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है। खास बात यह है कि सेंट्रल आइसोलेट ट्रीटमेंट प्लांट उपलब्ध होने की वजह से यहां निवेशकों को खर्च भी कम आ रहा है। यहां बीस अन्य निवेशकों ने भी निवेश करने की सहमति दी है। लगभग पांच सौ करोड़ से ज्यादा का निवेश करने भी यहां कंपनियां आ रही हैं।
उज्जैन: अरबों रुपए का निवेश आने से बढ़ेंगे रोजगार
बता दें कि महिमा फाइबर्स उज्जैन में करीब सवा दो सौ करोड़ का निवेश करने जा रहा है। सूत्रों की माने तो इस उद्योग के आने से करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अमूल दूध इंडिया यहां पचास करोड़ का निवेश करेगी, जिसमें आठ सौ लोगों को रोजगार मिलेगा। कर्नाटका एंटीबायो सौ करोड़ का निवेश करने जा रही है इसमें लगभग छह सौ लोगों को रोजगार मिलेगा। श्रीनिवास फार्मा करीब बासठ हजार करोड़ से अधिक का निवेश करेगी, जिसमें पांच सौ लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह साई मशीन सत्तर करोड़ का निवेश यहां करेगी, जिसमें लगभग छह सौ लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
जल्द मिलेगी हर्बल गार्डन की स्वीकृति
इसके तहत भोपाल में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन एवं आयुष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की क्षेत्रीय इकाई की स्थापना करने के प्रयास तेज किए गए हैं। साथ ही पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक महाविद्यालय को मध्य क्षेत्र के राष्ट्रीय संस्थान के रूप में घोषित करने प्रदेश के लिए हर्बल गार्डन की स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद है। इसी तरह आयुष विभाग एवं पर्यटन विभाग की साझेदारी से पर्यटन स्थलों पर वैलनेस सेंटर्स की स्थापना की जाना है। केंद्रीय आयुष विभाग ने आयुष प्रोडक्ट के निर्माण में तेजी लाने के उद्देश्य से अप्रूवल लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया में भी तेजी लाने का भरोसा दिया है।
कोरोना काल में तीन गुना बढ़ी औषधियों की मांग
बता दें कि राज्य शासन को जैसा फीडबैक मिला था उसके आधार पर हर्बल और औषधीय खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल कोरोना संक्रमण काल में हर्बल औषधियों की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी है। आयुर्वेद के मार्केट में वर्ष 2020 में गत वर्ष की तुलना में तीन गुना वृद्धि बताई गई है। यही वजह है कि अब परंपरागत औषधियों एवं उपचार पद्धतियों का प्रयोग करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं तीन सौ साठ से अधिक नए आयुष हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाने, भोपाल और इंदौर में आयुष सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण, आयुर्वेदिक और यूनानी अस्पतालों का उन्नयन किए जाने के साथ ही आयुष दवाओं का अनुसंधान और विकास किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों द्वारा काम शुरू कर दिया गया।